क्यों जौनपुर में चलेगा Dhananjay Singh का जादू, पूर्वांचल की राजनीति में क्यों हैं अहम?

Share this article
Dhananjay Singh

बाहुबली धनंजय सिंह के जेल से बाहर आते ही जौनपुर की राजनीति में ‘खेला’ शुरू हो गया है। बसपा से टिकट मिलने के बाद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी जौनपुर क्षेत्र में प्रचार कर रही थीं। चाहे नुक्कड़ सभा हो, रैली या फिर डोर टू डोर कैंपेन, श्रीकला रेड्डी ने लोगों के बीच अपनी उपस्थिति बनाई थी। ऐसे में आखिर क्या हुआ कि बसपा ने ऐन मौके पर अपना प्रत्याशी बदल दिया या यू कहें श्रीकला रेड्डी ने अपनी दावेदारी वापस ले ली।

जौनपुर में चलेगा धनंजय का जादू?

लोकसभा चुनाव को लेकर बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को जौनपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था, उन्होंने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था, लेकिन अब श्रीकला रेड्डी ने चुनावी मैदान से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती को जौनपुर सीट पर उम्मीदवार बदलना पड़ा है और धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला की जगह पर श्याम सिंह यादव पर भरोसा जताया है। ऐसे में इस राजनीतिक घटनाक्रम से जौनपुर लोकसभा सीट का ही समीकरण नहीं बदलेगा बल्कि पूर्वांचल की सियासत में भी ‘धनंजय फैक्टर’ अपना सियासी रंग दिखा सकता है।

Dhananjay Singh के तेवर में क्या बदलाव?

धनंजय सिंह के जेल जाने से पहले और जमानत पर बाहर आने के बाद उनके तेवर में काफी बदलाव नजर आ रहा है। जेल जाने से पहले धनंजय सिंह जौनपुर सीट पर हर हाल में अपने जीतने का दावा कर रहे थे। ऐसे में धनंजय सिंह को जमानत मिलने और जेल से बाहर आने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि श्रीकला रेड्डी के चुनावी अभियान को और भी धार मिलेगी, लेकिन उसका उल्टा हुआ। जेल से बाहर आने के बाद वह अपनी पत्नी के प्रचार में नहीं उतरे और न ही बीजेपी और उसकी नीतियों को लेकर एक बार भी आलोचना नहीं की।

अब ऐसे में श्रीकला रेड्डी के चुनावी मैदान से अपने कदम पीछे खींच लेने से जौनपुर सीट के साथ-साथ पूर्वांचल की कई सीटों पर सियासी समीकरण बदल गए हैं। जौनपुर में बीजेपी की राह आसान होने के साथ पूर्वांचल की कई सीटों पर डैमेज कंट्रोल भी हो सकेगा। जौनपुर सीट पर करीब 2 लाख से ज्यादा ठाकुर वोटर हैं।

कृपा शंकर सिंह भी ठाकुर हैं और धनंजय की पत्नी के चुनाव लड़ने से ठाकुर वोटों में बिखराव का खतरा बन रहा था। बता दें, जौनपुर क्षेत्र में धनंजय सिंह की ठाकुर वोट बैंक पर अच्छी पकड़ है। अब कयास लगाया जा रहा है, उनके चुनाव से अलग होने से बीजेपी को साइलेंटली मदद मिलेगी, हलांकि धनंजय सिंह ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

Also read: Smoking Effects: धूम्रपान न केवल आपके फेफड़ों बल्कि आंखों पर भी असर डाल रहा है

उनका कहना है कि जौनपुर को लोंगो के साथ सलाह-मशवरा करके फैसला लेंगे। ऐसे में अब माना जा रहा है कि साइलेंट होकर धनंजय सिंह जौनपुर और मछलीशहर सीट पर अपने समर्थक वोटरों को बीजेपी के पक्ष में करने का रोल अदा करेंगे। इसके अलावा पूर्वांचल में ठाकुर वोटरों को साधने का काम करेंगे, क्योंकि ठाकुर वोटर पूर्वांचल में निर्णायक भूमिका में है।
जौनपुर सीट से लेकर प्रतापगढ़, गाजीपुर, बलिया, अयोध्या, भदोही, चंदौली जैसे सीटों पर ठाकुर मतदाता ठीक-ठाक है। धनंजय सिंह की खामोशी बीजेपी के लिए सियासी मददगार साबित होंगे। ठाकुर मतदाताओं में धनंजय सिंह का असर पूर्वांचल की 12 सीटों पर है।

इनमें जौनपुर, मछलीशहर, घोसी, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, आजमगढ़, लालगंज, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र और भदोही शामिल हैं। बीजेपी ने जिस तरह धनंजय सिंह को साधा है, उससे पार्टी पूर्वांचल में लाभ मिल सकता है। अब देखना होगा कि आने वाले वक्त में जौनपुर की राजनीति मे और क्या चुनावी समीकरण बदलता है।

Also Read: https://www.youtube.com/channel/UCrsC0DMwI77eear8oS8ZMSw

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *