Chabahar Port डील पर S. Jaishankar के विचार

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S. Jaishankar views on Chabahar Port Deal

अमेरिका ने दिखाई नाराजगी , S. Jaishankar ने कहा ” भारत के साथ साथ अन्य देशो को भी फायदा “
विदेश मंत्री के मुताबित Chabahar Port काफी हद तक देश के लिए लाभकारी होगा ,साथ ही या अन्य क्षेत्रो को भी फायदा होगा।

Chabahar Port की डील भारत और ईरान के बीच

भारत और ईरान के बीच के बीच 10 साल की हुई डील। साल 2016 में हुआ था डील का कुछ प्रतिशत पूरा लेकिन अब 2024 मे ये डील फाइनल हो गयी है।इस डील के अनुसार Chabahar Port 10 साल के लिए India Port Limited को मिल गया है। 10 साल के बाद ये डील दोबारा लागू हो जाएगी।

विदेश मंत्री S. Jaishankar ने कहाँ –

“मैंने कुछ टिप्पणियां देखीं, जो की गई थीं, लेकिन मुझे लगता है कि यह लोगों को संवाद करने, समझने और समझाने का सवाल है कि यह वास्तव में यह सभी के फायदे के लिए है। मुझे नहीं लगता है कि इसको लेकर लोगों को संकीर्ण मानसिकता रखनी चाहिए और उन्होंने पहले ऐसा किया भी नहीं है.”

Chabahar डील पर अमेरिका की प्रतिक्रिया

इस डील से अमेरिका संतुष्ट नहीं है। अमेरिका ने ईरान से डील करने वालों पर संभावित प्रतिबंध लगाए जाने की बात कही है। आपको बता दे ,एक बार अमेरिका ने एक इंडियन कंपनी पर प्रतिबन्ध लगाए थे क्युकी इस कंपनी ने ईरान से आयल डील की थी। लेकिन ये प्राइवेट कंपनी थी । अमेरिका ने पहले भी तीन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया था क्युकी ये कंपनी ईरान की मदद कर रही थी ।
जयशंकर ने आगे कहा,
“अगर आप चाबहार में बंदरगाह को लेकर अमेरिका के रवैये को देखेंगे, तो पहले से ही वो पोर्ट के महत्व की सराहना करता रहा है. हम लोग इस पर काम करेंगे.”

क्या अमेरिका भारत पर प्रतिबंध लगाएगा ?

साल 2022 मे अमेरिका ने धमकी दी थी भारत को RUSSIA से आयल नहीं खरीदना है। लेकिन पहले भी भारत ने इन चीजों को नजरअंदाज किया है। भारत अपने अनुसार काम करता हैं। फ़िलहाल भारत ईरान से आयल नहीं खरीदता है।

Chabahar Port आखिर है कहाँ ?

यह ईरान के दक्षिण पूर्वी तट पर ओमान की खड़ी पर स्थित हैं।

Chabahar Port पर भारत का इन्वेस्टमेंट

भारत और ईरान डील में ,भारत लगभग 120 मिलियन डॉलर की इन्वेस्टमेंट कर रहा है।

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