America Warns China: रूस के साथ चीन के बढ़ते सहयोग को लेकर अमेरिका के एक शीर्ष रक्षा अधिकारी ने अपने चीनी समकक्ष को चेतावनी दी है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मुलाकात की और दोनों देशों ने अपने संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया। पुतिन मॉस्को और बीजिंग के बीच संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए चीन की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर थे। अमेरिका को चीन और रूस की बढ़ती नजदीकियां बिलकुल भी पसंद नहीं आ रही है। ऐसे में अमेरिका कुछ न शख्त कदम उठा सकता है। अमेरिका एक सुपर पावर है और वो नहीं चाहता उसकी जगह कोई और ले।
America ने जताई चिंता China पर
इंडो पसिफ़िक (Indo Pacific ) सुरक्षा मामलों के लिए अमेरिकी सहायक रक्षा सचिव एली रैटनर ने शुक्रवार को चीन के मेजर जनरल ली बिन, अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सहयोग के लिए केंद्रीय सैन्य आयोग कार्यालय के निदेशक के साथ वीडियो टेलीकांफ्रेंसिंग के जरिए बात की। इस दौरान रैटनर ने रूस और उत्तर कोरिया के बीच संबंधों के साथ-साथ ‘रूस के रक्षा औद्योगिक आधार के लिए चीन के समर्थन पर गंभीर चिंता’ पर चर्चा की।
एक चीन’ नीति के प्रति प्रतिबद्ध अमेरिकी रक्षा सहायक सचिव ने यह भी दोहराया कि संयुक्त राज्य अमेरिका ‘एक चीन’ नीति के प्रति प्रतिबद्ध है। साथ ही अमेरिकी अधिकारी ने अपने चीनी समकक्ष से दक्षिण चीन सागर के तट के पास चीन और फिलीपींस के बीच बढ़ते तनाव के बारे में भी बात की। इस पर अब, चीन ने ताइवान के साथ ‘सैन्य मिलीभगत’ के लिए अमेरिका की आलोचना की है।
चीन ने की आलोचना
बीजिंग मुख्यालय वाले ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, अमेरिका और ताइवान के बीच सैन्य मिलीभगत और साथ ही ताइवान स्वतंत्रता बलों के अलगाववादी कृत्य ताइवान जलडमरूमध्य में वर्तमान स्थिरता में व्यवधान के मुख्य स्रोत हैं। प्रवक्ता ने कहा, चीन किसी भी ‘ताइवान स्वतंत्रता’ अलगाववादी गतिविधियों और विदेशी मिलीभगत और समर्थन के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक जवाबी कदम उठाएगा।
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