Nari Suraksha 2024: एक तरफ नारी की पूजा और दूसरी तरफ उसके चरित्र पर सवाल क्यों ?

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Nari Suraksha 2024: Why worship of woman on one hand and questioning her character on the other?

Nari Suraksha: जैसा की आप सबको पता हैं समाज में दिन प्रतिदिन रेप के मामले बढ़ते जा रहे है ऐसे में हमारी बेटियों को ज़्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है। एक तरफ “बेटी बचाओ बेटी पढाओ” के सपने को साकार भी करना हैं और दूसरी तरफ बढ़ रही समाज में दरिंदगी से हमारी मासूम बच्चियों को बचाना भी हैं। हमारे समाज में बेटियों की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। हमें सिर्फ़ कानून व्यवस्था पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि अपनी बेटियों को खुद भी जागरूक और सतर्क बनाना चाहिए।

Nari Suraksha: भारत देश जिसकी संस्कृति और सभ्यता पूरे विश्व में विख्यात है
India is a country whose culture and civilization is famous all over the world.

भारत देश जिसकी संस्कृति और सभ्यता पूरे विश्व में विख्यात है मैं उस भारत देश पर गर्व भी है और मैं हम उस देश में रहते है जहां नारी को पूजा जाता है, नारी को वेदों में भी सर्वोपरी स्थान दिया गया है।

और फिर कभी ये सोच कर शर्मशार भी होता हैं कि हम उस देश में रहते है जहां अबला को लूटा भी जाता है, निशब्द कर देती है ये घटनाएं कि जहाँ साल मे 2 बार नवरात्रि मनाई जाती है, कार्तिक का पूरा महीना माँ लक्ष्मी को समर्पित है, बल्कि हर महीना हर वार किसी ना किसी देवी या देवता को समर्पित है जहां हमारे द्वारा मानसिक रूप से की गई प्रार्थना का भगवान तक पहुंचने का दावा किया जाता है वहां किसी अबला की चीखे क्यू ईश्वर तक नही पहुँचती?

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Nari Suraksha:आत्मरक्षा सीखना बेहद जरूरी है।
It is very important to learn self-defense.

आत्मरक्षा सीखना बेहद जरूरी है। हमें अपने स्थानीय स्कूलों और समुदायों में आत्मरक्षा के कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए। बेटियों को सिखाना चाहिए कि अगर कभी कोई उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करे, तो वे कैसे खुद का बचाव कर सकती हैं।

उन्हें यह जानना चाहिए कि ज़ोर से चिल्लाना, भागना, और मदद के लिए बुलाना कितना महत्वपूर्ण है। लेकिन ये सिर्फ़ बेटियों की जिम्मेदारी नहीं है। यह हम सभी की जिम्मेदारी है—सरकार, समाज और हर परिवार की। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे इलाके में पर्याप्त सुरक्षा उपाय हों, स्ट्रीट लाइट्स चालू हों, और सीसीटीवी कैमरे ठीक से काम कर रहे हों। साथ ही, हमें एक ऐसा माहौल बनाना होगा जहां हर बेटी सुरक्षित महसूस कर सके।

Nari Suraksha: बेटियों को यह सिखाना होगा जहां भी जाएं, सतर्क रहें
Nari Suraksha: Daughters have to be taught to be cautious wherever they go.

सबसे पहले, हमें अपनी बेटियों को यह सिखाना होगा कि वे जहां भी जाएं, सतर्क रहें। जब वे स्कूल जाएं, ट्यूशन जाएं, या दोस्तों के साथ बाहर जाएं, उन्हें पता होना चाहिए कि अपने आसपास क्या हो रहा है। अजनबियों से बात न करें और अगर कोई उन्हें असहज महसूस कराता है, तो तुरंत अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें। और अगर बेटियों को थोड़ा भी किसी भी व्यक्ति का व्यवहार गलत लगे तो घबराये नहीं बल्कि अपने परिवार और पुलिस को तुरंत बताये और आत्मरक्षक भी बने।

Nari Suraksha: लड़कों को सही और सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए प्रेरित करना
Nari Suraksha Inspiring boys to develop right and positive thinking

लड़कियों के साथ-साथ लड़कों को बचपन से ही सही शिक्षा और संस्कार देना बेहद जरूरी है ताकि वे बड़े होकर महिलाओं और लड़कियों का सम्मान करें और किसी भी तरह की हिंसा या अपराध से दूर रहें। उन्हें यह समझाना चाहिए कि किसी की व्यक्तिगत सीमाओं का उल्लंघन करना गलत है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। लड़कों को सही और सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि वे अपने समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक बन सकें। लड़कों को सही संस्कार मिलते हैं और वे समाज में महिलाओं के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं, जिससे रेप जैसी घटनाओं को रोका जा सकता है।

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Nari Suraksha: कौन है जिम्मेदार इन सब घटनाओं का
Nari Suraksha: Who is responsible for all these incidents?

कौन है जिम्मेदार इन सब घटनाओं का, शिक्षा की कमी या नशे की अधिकता या फिर किसी अमंगल की आशंका होने पर उसकी शिकायत ना किया जाना या फिर tv ,फिल्म, वेब सिरीज मे दिखाएं जाने वाली उल जलूल समग्री जिसमे कभी नौकर मालकिन के नाम पर, देवर भाभी के नाम पर, टीचर स्टूडेंट के नाम पर, जीजा साली के नाम पर, या को वर्कर्स का आपस मे प्रेम प्रसंग दिखाया जाना या अश्लील समग्री का दिखाया जाना या कानून व्यवस्था द्वारा या न्यायपालिका द्वारा सजा मे होने वाली देरी या लापरवाही या देश मे भ्रष्टाचार की अधिकता क्यों कोई अपनी पल भर की हवस के लिए किसी की जिंदगी को बर्बाद कर देता है या हत्या कर देता है।

फैसला जनता को करना है की समाज कहां जा रहा है और ऐसे हादसों का रोकथाम कैसे हो? कही ऐसा तो नहीं की हम शो ऑफ की दुनिया में अपनी संस्कृति को पीछे छोड़ रहे हैं। समाज को अपनी संस्कृति पर ध्यान रखना चाहिए और बेटियों को सशक्त बनाना चाहिए ताकि वो बिना किसी डर के इस देश का नाम का उज्जवल करे।

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