Breast Cancer: लड़कियों में बढ़ रहा ब्रेस्ट कैंसर का खतरा, 2030 तक हो सकता है दोगुना

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Breast Cancer
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दुनिया भर में Breast Cancer से महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। ये कैंसर अब भारत में पहले से कहीं ज्यादा तेजी से पांव पसार रहा है। भारतीय महिलाओं, खासतौर से यंग लड़कियों में ब्रेस्ट कैंसर के केस पहले से कहीं ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। स्तन कैंसर के सही इलाज के लिए इसके शुरुआती लक्षण को पहचानना बेहद जरूरी है। इसके बारे में विसतार से जानें।

क्या हैं Breast Cancer के शुरुआती लक्षण?

समय पर डायग्नोसिस और प्रभावी इलाज के लिए स्तन कैंसर के शुरुआती चेतावनी संकेतों को जानना बेहद जरूरी है। नई गांठें, स्तन की बनावट में बदलाव, त्वचा की अनियमितताएं, निपल से जुड़ी समस्याएं, निपल से खून आने जैसे बदलावों पर नजर रखें, ये ब्रेस्ट कैंसर के संकेत हो सकते हैं। लेकिन ये लक्षण गैर-कैंसरजन्य स्थितियों से भी जुड़े हो सकते हैं। इसलिए डाउट होने पर जल्द से जल्द डायग्नोसिस कराऐं और डॉक्टर्स की सलाह लें।

क्या 2030 तक Breast Cancer दोगुना हो सकता है?

WHO के मुताबिक साल 2020 में 20 लाख से ज्यादा महिलाओं में Breast Cancer पाया गया था। जिसमें 6 लाख से ज्यादा मरीजों की जान चली गई थी। ये कैंसर दुनिया भर में महिलाओं को प्रभावित करने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि 20 से 40 साल की युवा महिलाओं में स्तन कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। भारत में सर्वाइकल और ओरल कैविटी कैंसर को पीछे छोड़कर स्तन कैंसर सबसे आम कैंसर और कैंसर से संबंधित मौतों की प्रमुख वजाह बन गया है।

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वहीं, भारत में भी साल 2020 में दो लाख से ज्यादा महिलाओं में स्तन कैंसर का इलाज होने का अनुमान लगाया गया था, जिसमें अनुमानित 76,000 से ज्यादा महिलाओं की मौत हो गयी थी। इसी रिपोर्ट के मुताबिक 2025 में ये संख्या बढ़कर 2.3 लाख से ज्यादा हो सकती है। रिसर्च के मुताबिक 2030 तक स्तन कैंसर के केस दोगुना होने की संभावना है। स्तन कैंसर के 60 प्रतिशत मामलों का निदान आमतौर पर एडवांस स्टेज में किया जाता है, जिससे इलाज की दर कम हो जाती है। लेकिन नियमित जांच से इलाज की दर 80-90 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।

डायग्नोसिस कराऐं और डॉक्टर्स की सलाह लें
कैसे करें डायग्नोसिस?

स्तन कैंसर के लिए अल्ट्रासाउंड इमेजिंग सबसे पहला ओपशन हो सकता है, इसके अलावा जरुरत होने पर मैमोग्राफी या कंट्रास्ट-एन्हांस्ड मैमोग्राफी (सीईएम) की जाती है। अगर मैमोग्राफी, अल्ट्रासाउंड और सीईएम में किसी नतीजे पर ना पहुंचा जाए तो स्तन एमआरआई भी एक विकल्प हो सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर से सेफ रहने के लिए आप बेहतर लाइफस्टाइल रूटीन अपनाऐं, हार्ट हेल्थ पर ध्यान दें, पौष्टिक खान-पान पर ध्यान दें और साथ ही शारीरिक रूप से एक्टिव रहने की कोशिश करें।

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