Project 2025 पर अमेरिका में बवाल क्यों? क्यों इसको दुनिया के लिए खतरनाक माना जा रहा है?

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Project 2025 in America

Project 2025: अमेरिका में नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनावों का पूरी दुनिया में अभी से हल्ला है। इसकी वजह भी है। इस देश का हर फैसला, हर हरकत किसी न किसी तरह से बाकी देशों पर असर डालती है।

ऐसे में चुनावी सरगर्मियों के बीच अचानक Project 2025 की बात होने लगी। कहा जा रहा है कि ये राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के कमबैक और फिर सत्ता में आने के बाद के प्लान पर है।

Project 2025 क्या है और क्यों इसको दुनिया के लिए खतरनाक माना जा रहा है?

दरअसल, दक्षिणपंथी संस्थानों ने 900 पन्नों से ज्यादा का दस्तावेज तैयार किया। इसमें basically ये तय करने की कोशिश है कि आने वाली सरकार कैसे और क्या काम कर सकती है। इसमें कई ऐसे एजेंडें हैं, जो अमेरिका की उदारवादी छवि से अलग हैं।

Project 2025: फॉरेन पॉलिसी को ज्यादा आक्रामक बनाने की बात भी प्रोजेक्ट में लिखी?
The project also mentioned making the foreign policy more aggressive?

The Conversation की मानें तो ये प्रोजेक्ट कहता है कि आने वाले समय में LGBT के अधिकार सीमीत कर दिए जाएं, महिलाओं से अबॉर्शन का हक ले लिया जाए, शरणार्थियों के लिए दरवाजे बंद करना भी एक एजेंडा है। साथ ही साथ चीन से व्यापार लगभग बंद करने का सुझाव है। इतना ही नहीं डिफेंस और फॉरेन पॉलिसी को ज्यादा आक्रामक बनाने की बात भी प्रोजेक्ट में लिखी हुई है।

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यहां तक कि पर्यावरण प्रोटेक्शन पर जो मौजूदा योजनाएं हैं, उन्हें dismantle करने की बात कई बार की गई। रिपोर्ट के मुताबिक लगभग ढाई सौ बार पर्यावरण की मौजूदा policies के elimination यानी उन्हें हटाने की बात लिखी हुई है। एजेंडा fossil fuel के अधिकतम इस्तेमाल की भी बात करता है और अगर ऐसा हुआ तो क्लाइमेंट चेंज की रफ्तार और तेज हो जाएगी।

Project 2025 में step by step बताया गया कि ये मकसद कैसे पूरे हो सकते हैं ?

इसके लिए पहले रोडमैप तैयार किया गया। अब दस्तावेजों के साथ-साथ उन लोगों की सूची बनाई जा रही है, जो राइट-विंग सोच रखते हों और उन्हें ट्रेनिंग दी जाए। कहा जा रहा है कि ये Presidential Administration Academy का हिस्सा होंगे जो पॉलिसी लागू करेंगे। आखिरी स्टेप होगा- President की transition में मदद करना ताकि वो पद संभालते ही पॉलिसी लागू करने में जुट जाए।

लंबे-चौड़े इस दस्तावेज में वैसे कहीं भी किसी नाम, या ट्रंप का जिक्र नहीं है लेकिन लगातार ये आरोप लग रहा है कि ये सबकुछ ट्रंप के लिए ही हो रहा है।

Project 2025 के पीछे की वजह क्या हैं ?

अगर इस project पर गौर किया जाए तो इसका एजेंडा ट्रंप के बयानों से काफी मिलता-जुलता है। अगर उनके बयानों को याद किया जाए।  तो ट्रंप migration, चीन से व्यापार और transgenders को लेकर कई बार आक्रामक हो चुके। यहां तक कि climate change को लेकर कह चुके कि बाकी देश प्रदूषण कर रहे और अमेरिका पर जबरन दबाव बना रहे हैं।

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Project 2025 ट्रंप की policies से काफी मेल खा रहा

कुल मिलाकर, प्रोजेक्ट 2025 ट्रंप की policies से काफी मेल खा रहा है, यही वजह है कि इस project के आने के बाद से दोनों को जोड़ा जा रहा है। हलांकि ट्रंप ने इससे साफ इंकार कर दिया.. सोशल मीडिया पर उन्होंने दावा किया कि वे इस बारे में कुछ नहीं जानते. न ही ये जानते हैं कि इसके पीछे कौन है। उन्होंने लिखा-  “ये जो कुछ कह रहे हैं, उनमें से कई बातों से मैं असहमत हूं. और कुछ चीजें जो कही जा रही हैं, वे मूर्खताभरी और खराब हैं”।

चुनाव से पहले Project 2025 का आना एकदम से हवाहवाई भी नहीं

इसका काऱण ये है कि जिस Think Tank Heritage Foundation ने ये तैयार किया, वो पहले भी mandate तैयार कर चुका है। बताते चले कि साल 1981 में अमेरिकी राष्ट्रपति रोनॉल्ड रीगन ने इसी के मुताबिक काम किया था। तब फाउंडेशन ने दावा किया था रीगन ने खुद मैनेफेस्टो की कॉपी हरेक कैबिनेट सदस्य को बांटी थी।

बाद में प्रोजेक्ट की दो-तिहाई पॉलिसीज लागू भी कर दी गईं। अब 4 दशक बाद Heritage Foundation एक बार फिर US president के लिए मेनिफेस्टो तैयार कर चुका है। चूंकि डेमोक्रेट्स इन नीतियों के विरोधी रहे, और दोनों की विचारधारा भी अलग है, इसलिए माना जा रहा है कि ट्रंप खुफिया तौर पर इससे जुड़े हुए होंगे। इन दावों में कितनी हकिकत है, इस प्रोजेक्ट के लागू होने से दुनिया पर कितना असर पड़ेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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