दिल्ली में WhatsApp साइबर फ्रॉड का एक नया मामला सामने आया है, जहां पीड़ित को बड़ी ही चालाकी से 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा का चूना लगा दिया । पीड़ित को ठगने के लिए WhatsApp का इस्तेमाल किया गया और फिर उसके बाद उसके बैंक से 1 करोड़ रुपये निकाल लिए । WhatsApp की पॉपुलैरिटी किसी से नहीं छिपी है। लेकिन एक शख्स के लिए WhatsApp को चलाना काफी भारी पड़ गया । इतना ही नहीं इस केस में इस शख्स ने अपने 1 करोड़ रुपये गंवा दिए ।
आइए जानते है इस मामले को पूरी डिटेल्स में। दरअसल, साइबर फ्रॉड का एक नया मामला दिल्ली से सामने आया है, जहां उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में रहने वाले एक शख्स ने अपने 1 करोड़ रुपये गंवा दिए । इस साइबर फ्रॉड की शुरुआत एक WhatsApp ग्रुप से हुई । यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स से मिली है ।
पहले WhatsApp Group में जोड़ा?
पीड़ित ने पुलिस को बताया यह कि उसे पहले एक WhatsApp Group में जोड़ा गया। और फिर ग्रुप में दावा किया कि वह एक ऑफलाइन इनवेस्टमेंट रिसर्च ग्रुप है। इस ग्रुप में लगभग 150 लोग थे। इस ग्रुप में स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केटिंग से संबद्ध टिप्स को शेयर किया गया था ।
पीड़ित का पहले जीता भरोसा, उसके बाद उसे लूटा
पुलिस के सीनियर ऑफिसर ने यह बताया पीड़ित का पहले भरोसा जीतने के बाद, उसे फिर शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट के कुछ इनवेस्टमेंट के टिप्स के बारे में बताया गया । इसके बाद पीड़ित ने हाई रिटर्न के लालच में कुछ इनवेस्टमेंट कर दी ।
पहले 50 हजार रुपये का कराया इनवेस्ट
जनवरी में पीड़ित ने शुरुआत 50 हजार रुपये से की, लेकिन आरोपी ने उसको और ज्यादा रुपये लगाने के लिए कहा। एक बार आरोपी के झांसे में आकर पीड़ित ने एक बड़ा अमाउंट इनवेस्टमेंट कर दिया, फिर उसके बाद वह रुपये निकालने मुश्किल हो गया।
टोटल 1.13 करोड़ रुपये की करी इनवेस्टमेंट
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रुपये निकालते समय स्कैमर्स विक्टिम से और ज्यादा रुपयों की डिमांड करने लगे । इसके बाद विक्टिम ने टोटल 1.13 करोड़ रुपये की इनवेस्टमेंट कर दी , उसके बाद उसे यह पता चला कि वह साइबर फ्रॉड का शिकार हो चूका है । इसके बाद उसने पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी और एफआईआर दर्ज कराई।
55 दिनों तक चला था साइबर ठगी का खेल
पुलिस ने इस मामले की जांच में पाया कि विक्टिम लगातार इनवेस्टमेंट करता रहा और यह खेल करीब 55 दिनों तक चलता रहा । पुलिस ने यह भी बताया कि सभी ट्रांजैक्शन ऑनलाइन हुई हैं । पीड़ित को एक फेक वेबपेज पर फेक प्रोफिट दिखाया गया , जहां पर इनवेस्टमेंट का प्रोफिट करीब 7.4 करोड़ रुपये दिख रहा था ।
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