" हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का अवतरण दिवस यानी जन्मोत्स्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही प्रतिमा स्थापना के समय तक व्रत-उपवास रखा जाता है।  

Ganesh chaturthi  

" धार्मिक मान्याताओ मत है कि भगवान श्री गणेश जी की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है।

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 02 मिनट पर सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 35 मिनट पर चन्द्रोदय- सुबह 09 बजकर 30 मिनट पर चंद्रास्त- शाम 08 बजकर 44 मिनट पर ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 31 मिनट से 05बजकर 16 मिनट तक विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 24 मिनट से 03बजकर 14 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 35 मिनट से 06बजकर 58 मिनट तक निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक 

पंचांग 

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 7 सितंबर को संध्याकाल 05 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि से गणना की जाती है। 

गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त  

गणेश चतुर्थी पर दुर्लभ ब्रह्म और इंद्र योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। ब्रह्म योग देर रात 11 बजकर 17 मिनट तक है। इसके बाद इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन भद्रावास का भी संयोग बन रहा है। गणेश चतुर्थी पर भद्रा पाताल में रहेंगी।  

गणेश चतुर्थी शुभ योग