“ अगर आपको झुकना है तो किसी के विनम्रता के आगे झुके किसी के शक्ति के आगे, रूप के आगे, और धन के आगे तो बिलकुल भी मत झुकना।

जो बीत गया उस पर दुख क्यों करना, जो है उस पर अहंकार क्यों करना, और जो आने वाला है उसका मोह क्यों करना। 

जब भविष्य धुंधला पड़ने लग जाता है, त आपको अपने वर्तमान में ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। 

जो मुझे सर्वत्र देखता है और सब कुछ मुझमें देखता है उसके लिए न तो मैं कभी अदृश्य होता हूँ और न वह मेरे लिए अदृश्य होता है। 

हे अर्जुन! निस्सन्देह चंचल मन को वश में करना अत्यन्त कठिन है, किन्तु उपयुक्त अभ्यास द्वारा तथा विरक्ति द्वारा ऐसा सम्भव है