Train Accidents: 2024 में रेलवे दुर्घटनाएं लगातार मुद्दा बन गई हैं, 7 महीनों में 6 बड़ी दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें सबसे ताजा दुर्घटना हावड़ा-मुंबई मेल की है।
Howrah-Mumbai Mail इस साल रेल दुर्घटनाओं और दुर्घटनाओं की बढ़ती सूची में हाल ही में शामिल हुई है। मंगलवार को, यात्री ट्रेन पटरी से उतरे एक अन्य मालवाहक से टकरा गई, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। यह पिछले दो महीनों में देश में हुई तीसरी रेल दुर्घटना है और इस साल छठी।
Train Accidents 2024: झारखंड में बड़ा रेल हादसा, 18 डिब्बे पटरी से उतरे
आखिर कब रूकेंगे रेल हादसे अब एक बार फिर झारखंड के सरायकेला- खरसांवा जिले में 30 जुलाई की सुबह एक बड़ा रेल हादसा हो गया, बता दें चक्रधरपुर रेल मंडल के बाराबम्बो रेलवे स्टेशन के पास हावड़ा मुंबई मेल एक्सप्रेस के 18 डिब्बे पटरी से उतर गए ,यह ट्रेन हावड़ा से मुंबई जा रही थी, जिसमें दो यात्रीयों की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए, जिसके तुरंत बाद NDRF की टीम मौके पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया साथ ही झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तत्काल जिलाधिकारी के निर्देश देते हुए घायलो के इलाज की व्यवस्था करने को कहा है।
इस हादसे के कारण कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, बता दें रेलवे के मुताबिक इस हादसे में काफी संख्या में लोगों की जान जा सकती थी, लेकिन हावड़ा मेल के ड्राइवर को समय रहते हुए इस हादसे का आभास हो गया। उसने तत्काल ट्रेन की स्पीड कम कर दी।
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Train Accidents 2024: अश्विनी वैष्णव ने भरोसा दिलाया था कि
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पिछले साल से कई रेल दुर्घटनाओं को लेकर विपक्ष के हमलों का सामना कर रहे हैं।
लोकसभा में बजट के बाद अपने भाषण में अश्विनी वैष्णव ने भरोसा दिलाया कि सुरक्षा उनकी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय के 2,62,200 करोड़ रुपये के आवंटन में से 1,08,795 करोड़ रुपये सुरक्षा बढ़ाने के लिए समर्पित किए जाएंगे। इतना बड़ा रेल बजट होने की बावजूद भी इस साल सिर्फ 2024 में छह हादसे हो चुके हैं।
Train Accidents 2024: इस साल हुए बड़े रेल हादसो की सूची
1. जामताड़ा रेल दुर्घटना – 28 फरवरी, 2024
इस साल की शुरुआत में अंगा एक्सप्रेस के यात्री ट्रेन के रुकते ही उससे उतर गए और एक लोकल ट्रेन की चपेट में आ गए। झारखंड के जामताड़ा जिले में कलजरिया रेलवे क्रॉसिंग के पास हुई इस दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। ट्रेन 12254 की चेन खींची गई, जिससे ट्रेन रुक गई, जब कुछ यात्री नीचे उतरे। ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैली, जिसके कारण यात्री स्टेशन पहुंचने से पहले ही ट्रेन से उतर गए।
2. पालघर मालवाहक ट्रेन का पटरी से उतरना – 29 मार्च, 2024
महाराष्ट्र के पालघर स्टेशन के पास एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई और सूरत तथा मुंबई के बीच रेल यातायात को काफी हद तक बाधित कर दिया, जो दो प्रमुख केंद्र हैं। मध्यम गति से चल रही पूरी तरह भरी हुई ट्रेन मुंबई से सूरत जाने वाले एकमात्र मुख्य मार्ग पर पटरी से उतर गई, जिससे लाइन पर कई ट्रेनें फंस गईं। ट्रेन से कुछ मीटर की दूरी पर एक रेल फ्रैक्चर पाया गया, लेकिन अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि फ्रैक्चर पटरी से उतरने के कारण हुआ या इसके विपरीत।
3.खाली लोकल ट्रेन पटरी से उतरना- 28 मई 2024
हावड़ा के लिलुआ स्टेशन पर खाली लोकल ट्रेन पटरी से उतर गई, जिससे ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई।
4. सरहिंद मालगाड़ी दुर्घटना– 2 जून, 2024
सरहिंद के पास एक मालवाहक के आठ डिब्बे एक मालगाड़ी से टकरा गए। पटरी से उतरने के कारण 59 ट्रेनें प्रभावित हुईं और उनमें से 51 को डायवर्ट करना पड़ा। मालगाड़ी में सवार तीन यात्रियों को मामूली चोटें आईं, जबकि मालवाहक गाड़ी के पायलट और सहायक पायलट गंभीर रूप से घायल हो गए।
5. खड़ी मालगाड़ी का अन्य मालगाड़ी से टकराना -3 जून 2024
पंजाब के सरहिंद रेलवे स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी के एक अन्य मालगाड़ी से टकराने से दो लोको पायलट घायल हो गए।
6. साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग -7 जून 2024
जयपुर में दौलतपुर-साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लग गई, कोई घायल नहीं हुआ ।
7. कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना -17 जून, 2024
दार्जिलिंग जिले के रंगापानी रेलवे स्टेशन के पास एक मालगाड़ी यात्री ट्रेन अगरतला-कंचनजंगा एक्सप्रेस से टकरा गई, जिससे कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और करीब 41 लोग घायल हो गए। इस टक्कर ने राजनीतिक विवाद को भी जन्म दिया, क्योंकि रेल की सिग्नलिंग प्रणाली में गड़बड़ी की चर्चा थी, जिसके कारण मालगाड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस से टकरा गई। दोनों ट्रेनों के चालक दुर्घटना में बच नहीं पाए। कुछ रेल अधिकारियों ने दावा किया कि लोको पायलट अधिक गति से गाड़ी चला रहा था, जिसके कारण रेलवे यूनियनों ने भारी विरोध किया, जिन्होंने कहा कि मंत्रालय जांच से पहले ही चालक पर दोष मढ़ रहा है।
8. चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ ट्रेन पटरी से उतरी -18 जुलाई, 2024
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में डिब्रूगढ़-चंडीगढ़ एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और 31 लोग घायल हो गए। मोतीगंज और झिलाही स्टेशनों के बीच ट्रेन 15904 के आठ डिब्बे पटरी से उतर गए, जबकि बाकी आगे जाकर गिरे। पांच सदस्यीय टीम ने दुर्घटना की जांच की और कहा कि पटरी से उतरने की घटना संभवतः रेल पटरियों के अनुचित बन्धन के कारण हुई थी। टीम की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि एक वरिष्ठ इंजीनियर ने रेल पटरियों में एक आईएमआर (तत्काल हटाने) दोष को नोट किया था।
9. मालगाड़ी पटरी से उतरी -26 जुलाई 2024
भुवनेश्वर स्टेशन के पास मालगाड़ी पटरी से उतरी, किसी के हताहत होने की खबर नहीं ।
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10. खाली यात्री ट्रेन का इंजन का पेड़ से टकराना – 26 जुलाई 2024
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में एक खाली यात्री ट्रेन का इंजन गिरे हुए पेड़ से टकराने के बाद पटरी से उतर गया, चालक घायल हो गया।
11.मालगाड़ी के पांच डिब्बे पटरी से उतर गए-27 जुलाई 2024
मुंबई से करीब 100 किलोमीटर दूर पश्चिमी रेलवे के बोइसर स्टेशन के यार्ड में मालगाड़ी के पांच डिब्बे पटरी से उतर गए।
12. क्रांति एक्सप्रेस की दो बोगियां अन्य बोगियों से अलग –29 जुलाई 2024
समस्तीपुर जिले में बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस की दो बोगियां अन्य बोगियों से अलग हो गईं। ट्रेन की गति धीमी होने के कारण कोई हताहत नहीं हुआ ।
13.मालगाड़ी पटरी से उतरी- 29 जुलाई 2024
ओडिशा के संभलपुर में मालगाड़ी पटरी से उतरी, कोई हताहत नहीं हुआ।
रेल हादसों में वृद्धि के कारण
रेल हादसों में वृद्धि के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- ट्रैक की खराब स्थिति: पुरानी या खराब ट्रैक स्थिति दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण हो सकती है। समय पर ट्रैक का रखरखाव न होने से यह समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- तकनीकी खराबी: सिग्नलिंग प्रणाली में गड़बड़ी, इंजन या कोच की तकनीकी खराबी भी हादसों का कारण बन सकती है।
- मानव त्रुटि: चालक, गार्ड या अन्य रेलवे कर्मियों की गलती, जैसे कि सिग्नल का गलत इंटरप्रिटेशन, नियमों का पालन न करना, आदि।
- अवसंरचना में कमी: पुलों, सिग्नलिंग प्रणाली, और रेलवे स्टेशनों जैसी अवसंरचना की कमी या उनमें सुधार की आवश्यकता।
- सुरक्षा मानकों की कमी: सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन न करना या अद्यतित सुरक्षा उपायों का अभाव।
- पर्यावरणीय कारण: भारी बारिश, बाढ़, भू-स्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी रेलवे हादसों का कारण बन सकती हैं।
इन मुद्दों को हल करने के लिए रेलवे प्राधिकरण को नियमित निरीक्षण, रखरखाव, तकनीकी उन्नयन, और प्रशिक्षण पर ध्यान देना आवश्यक है।
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