Superstition: क्यों बढ़ रहा हैं अंधविश्वास, 21वीं सदी में भी ढोंगी बाबाओं का कहर जारी ?

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Superstition

Superstition:अंधविश्वास सदियों से चला आ रहा है। यह समाज में फैला ऐसा रोग है, जिसने समाज की नींव खोखली कर दी है। अंधविश्वास किसी जाति, समुदाय या वर्ग से संबंधित नहीं है बल्कि यह समान रूप से हर किसी के अंदर विद्यमान होता है। अंधविश्वास में पड़ा हुआ मनुष्य कई बार इस प्रकार के कार्य करता है, जो हास्यापद स्थिति पैदा कर देते हैं। अंधविश्वास मनुष्य को आंतरिक स्तर पर कमज़ोर बनाता है। वह ऐसी बातों पर विश्वास करने लगता है, जिनका कोई औचित्य नहीं होता। मनुष्य इस विकार से ग्रस्त है, तो समाज का बच पाना संभव नहीं है।

Superstition: युग को विज्ञान का युग बोले या फिर जादू टोना का युग

एक तरफ भारत विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है वहीं दूसरी तरफ ढोंगी बाबाओं का अंधविश्वास बढ़ता जा रहा है। हम इस युग को विज्ञान का युग बोले या फिर जादू टोना का युग बोले। हमारे देश के वैज्ञानिक रोज नए आविष्कार कर रहे हैं अभी हाल ही में हमने चंद्रयान तीन का सफल परीक्षण किया था। परमाणु संपन्न देश में विज्ञान की मदद से दैनिक जीवन के अनेको काम होते हैं। बड़ी-बड़ी गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज हम विज्ञान की सहायता से करते हैं।

फिर भी न जाने लोग इन ढोंगी बाबा, जादू टोना के चक्कर में कैसे आ जाते हैं? अस्पताल से ज्यादा भीड़, ढोंगी बाबाओं के दरबार में होती है। जादू टोना के चक्कर में इंसान अपने रूपए पैसे, घर, जमीन, गहने सब कुछ लुटा देता है। अंत में वही अस्पताल के चक्कर काटता हुआ नजर आता है। रोजाना सोशल मीडिया पर अनेक बाबा हमें नजर आते हैं जो अपने- अपने तरीके से इलाज करते हैं। यहां तक किसी कंपनी की तरह अपने विज्ञापन भी करते हैं। हम सब ने देखा है रेल,बस, पब्लिक प्लेस पर इन ढोंगी बाबा के पोस्टर नजर आते हैं। ये ढोंगी बाबा सभी समस्याओं की गारंटी भी लेते हैं।

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क्यों न सरकार सारे अस्पताल बंद करके सारा बजट जादू टोना करने वालो को दे  देना चाहिए। करीब 3 साल पहले कोरोना वायरस आया तब यह जादू टोना वाले पता नहीं कहां चले गए थे। हम आए दिन समाचार के माध्यम से देखते पढ़ते हैं यह बाबा किस तरह जनता को चूना लगाकर भाग जाते हैं।

hypocritical babas
Superstition: इनमें से कुछ घटना हम आपको बता रहे हैं

पहली घटना – आज तक के अनुसार, 10 जुलाई 2024 मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में एक युवती अंधविश्वास का शिकार हो गई। तांत्रिक ढोंगी बाबा ने घर का दोष और परेशानियों से निजात के लिए पूजा-पाठ करने के बहाने युवती को बुलाया और भभूत में नशीला पदार्थ खिलाकर दुष्कर्म किया। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ढोंगी बाबा उत्तर प्रदेश भागने की फिराक में था. लेकिन पुलिस ने आरोपी ढोंगी को गिरफ्तार कर लिया हैं।

दूसरी घटना –  पत्रिका के अनुसार, 1  जुलाई 2024 राजस्थान के सादुलपुर चूरू जिले में मृत आत्माओं से बात करवाने के मामले में पुलिस ने एक बाबा को गिरफ्तार किया है। हमीरवास थाने के गांव भैंसली में रहस्यमयी आग लगने के मामले में स्वर्गवासी महिला से बात करवाने के पाखण्ड कर सोशल मिडिया पर अंधविश्वास फैलाने वाला ढोंगी बाबा को गिरफ्तार कर लिया है। थाना अधिकारी ने बताया कि 30 जून को ढोंगी बाबा रमेशचन्द्र पुत्र मंगलाराम निवासी बख्तावरपुरा, चिड़ावा जिला झुंझुनूं हाल निवासी सिवाड़ा, हरियाणा, जिसके द्वारा मृतका कस्तुरी देवी की आत्मा से बात मोबाइल पर बात करवाने का ढोंग कर वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर समाज में अंधविश्वास फैलाया जाने पर हमीरवास थाना पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया है।

तीसरी घटना – जागरण के अनुसार, 5 मई 2024 मध्य प्रदेश, भोपाल  में जादू टोना के माध्यम से अनुष्ठान कराकर UPSC में चयन करवाने का झांसा देकर एक युवक ने छात्रा के साथ दुष्कर्म किया। साथ ही कथित तांत्रिक बाबा ने उससे लाखों रुपये कीमत के सोने के जेवर भी हड़प लिए। घटना के बाद भयभीत छात्रा चुप रही, लेकिन घर के जेवर गायब होने पर जब घरवालों ने पूछताछ की तो यह सनसनीखेज मामला सामने आ गया। पिपलानी थाना पुलिस ने छात्रा के दोस्त, तांत्रिक बाबा सहित तीन लोगों के खिलाफ दुष्कर्म, धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। पिपलानी थाना पुलिस के मुताबिक एक निजी कालेज में पढ़ने वाली 21 वर्षीय छात्रा ने शिकायत दर्ज कराई थी। ऐसी बहुत सी घटनाएं हैं जो समाज को अंदर से खोकला कर रही हैं।

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Superstition: भारतीय समाज में अंधविश्वास  की जड़े क्यों ग़हरी हैं?
Why are the roots of superstition deep in Indian society?

भारतीय समाज में तो इसकी जड़ें बहुत गहरी है। हर अच्छे-बुरे काम में अंधविश्वास की छाया दिखाई दे जाएगी। घर से निकलते हुए छींक आ जाना, बिल्ली का रास्ता काट देना, पूजा के दीए का बीच में बुझ जाना, आधी रात में कुत्ते भौंकना या उल्लू का रोना इत्यादि बातें है, जिससे लोग सदियों से डरते आ रहे हैं।

 आज भी कितने ही शिक्षित लोग हैं, जो अंधविश्वास में पड़े हुए हैं। चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण के पीछे वैज्ञानिक कारणों को अनदेखा करके हम अंदर से भयभीत रहते हैं। भारतीय समाज को इसके प्रति संकुचित दृष्टिकोण रखने की अपेक्षा इसमें छिपे रहस्य को जानना चाहिए।

Superstition: लोग अंधविश्वासी व्यवहार क्यों करते हैं?

शोध अध्ययनों से पता चलता है कि लोग अंधविश्वासों में क्यों विश्वास करते हैं, कई लोगों के लिए अंधविश्वास चिंता को कम कर सकता है और सकारात्मक मानसिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दे सकता है। जब हम किसी परिणाम के बारे में अनिश्चित होते हैं, तो हम इसे नियंत्रित करने के तरीके खोज सकते हैं, भले ही यह केवल हमारे दिमाग में ही क्यों न हो। उदाहरण के लिए, कुछ लोग नौकरी के लिए इंटरव्यू में अपनी भाग्यशाली घड़ी पहनेंगे, इस उम्मीद में कि इससे उन्हें नौकरी पाने में मदद मिलेगी।

Superstition: अंधविश्वास के प्रसार के कारण

शिक्षा के अभाव में लोग किसी घटना के घटित होने के वैज्ञानिक कारणों से अनजान होते हैं।

अंधविश्वास को ईश्वर के साथ जोड़ दिया जाता है जिससे लोग इसकी आलोचना से डरने लगते हैं।

लोग मानते हैं कि कुरीतियाँ प्राचीन काल से ही चली आ रही हैं, इसलिये उन्हें इनका पालन करना चाहिये।

अंधविश्वास और भगवान के प्रति श्रद्धा दोनों के बीच के फर्क को समझे। अंधविश्वास से बचना सिर्फ और सिर्फ हमारे हाथ हैं। अपनी मानसिकता को सजग रखे । स्वयं और अपने परिवार को अंधविश्वास से बचाये। इन ढोंगी बाबाओं से सावधान रहे। 

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