Anita Kundu: माउंट एवरेस्ट को तीन बार फतह कर चुकी हरियाणा की बेटी Anita Kundu का जीवन कांटों भरा रहा है। अनीता को बचपन में कबड्डी खेलने का शौक था, जिसके चलते उन्होंने 5वीं कक्षा से ही कबड्डी खेलना शुरू कर दिया था। अपने इस शौक को वो अधिक दिन नहीं रख पाई। कुंडू जब 12 साल की थी उनके पिता का निधन हो गया था। 2001 में पिता की मौत के बाद अनीता ने कबड्डी खेलना छोड़ दिया। अनीता ने परिवार की आर्थिक दशा को सुधारने के लिए अपनी मां के साथ दूध बेचना शुरू कर दिया।
भारतीय पर्वतारोही Anita Kundu जुड़ी Adventure से
12 साल से पर्वतरोहण जैसे एडवेंचर से जुड़ी भारतीय पर्वतारोही अनीता कुंडू ने एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली है। अनीता कुंडू ने नेपाल की सबसे खतरनाक चोटी लोबूचे को फतेह कर लिया है। इस पर्वत की ऊंचाई 6 हजार 119 मीटर है। अनीता ने लगातार 24 घंटे चढ़ाई करके इस चोटी पर तिरंगा फहराया। चढ़ाई के दौरान स्नोफॉल होता रहा, लेकिन अनीता ने इन विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए सफलता हासिल की।
Also Read: International Cricket Council (ICC) ने USA क्रिकेट को 12 महीनों के लिए क्यों किया suspend ?
Anita Kundu हरियाणा पुलिस में Inspector
अनीता की हिसार में ही पढ़ाई की। उन्होंने बीए की पढ़ाई जाट कॉलेज से की। इसके बाद प्राइवेट इंस्टीट्यूट से उन्होंने एमए हिस्ट्री से की। पढ़ाई पूरी करने के बाद 2008 में वे हरियाणा पुलिस में बतौर कांस्टेबल के पद पर भर्ती हो गई थी। अभी हरियाणा पुलिस में इंस्पेक्टर हैं।
Anita Kundu के पिता उन्हें एक शीर्ष खिलाड़ी के रूप में देखना चाहते थे
बचपन को याद करते हुए कुंडू ने कहती हैं कि उनके पिता उन्हें एक शीर्ष खिलाड़ी के रूप में देखना चाहते थे। लेकिन उनके गुजर जाने के बाद मुझे मेरी मां के साथ अपनी दो बहनों और भाई की देखभाल करनी पड़ी। इस हादसे से बाहर आना आसान नहीं था। लेकिन मेरे पिता के शब्दों ने मुझे प्रोत्साहन दिया। तमाम मुश्किलों के बावजूद उनमें कुछ अलग करने का जज्बा था। मेरे पिता कहा करते थे कि स्थिति कैसी भी हो, तुम्हें लड़ना होगा और इसे एक चुनौती के रूप में लेना होगा। उन शब्दों ने मुझे आगे बढ़ने की ताकत दी।कुंडू ने साहसिक खेलों में रुचि विकसित की। हालांकि उनके पिता चाहते थे कि वह एक मुक्केबाज़ बने।
Anita Kundu ने 2013 में नेपाल और 2017 में चीन की ओर से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की
कुंडू ने पहली बार 2013 में नेपाल की ओर से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी। 2015 में वो फिर से चोटी को फतह करने के लिए निकली थी, लेकिन भूकंप के कारण बीच में ही लौटना पड़ा। 2017 में कुंडू ने चीन की तरफ से एवरेस्ट को फतह किया और 2019 में एक अभियान के नेता के रूप में फिर से एवरेस्ट फतह किया।
Anita Kundu को Tenzing Norgay National Adventure Award से सम्मानित
अनीता कुंडू को दो साल पहले तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार मिला था। कुंडू ने कई अन्य महाद्वीपों में भी चोटियों को फतह किया है। इन साहसिक कार्यों के लिए, उनके बेजोड़ समर्पण के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया। पिछले महीने हरियाणा के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूरे देश के सामने महिला सशक्तिकरण की बेहतरीन मिसाल पेश करने के लिए राज्य की बेटियों की जमकर तारीफ की थी।
Also Read: Paris Olympics 2024 के लिए BCCI करेगा athletes का समर्थन, IOA को देगा करोड़ों रुपये…
इन चोटियों को फतेह कर चुकी हैं Anita Kundu
12 साल से पर्वतारोहण कर रही अनीता ने माउंट एवरेस्ट 3 बार, अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी विनसन मासिफ, अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो, यूरोप के सबसे ऊंचे शिखर एल्बर्स, दक्षिण अमेरिका की एकोनकागुआ, ऑस्ट्रेलिया की कार्सटेंस पिरामिड शिखर, उत्तराखंड में स्थित रुदुगैरा के 5800 मीटर ऊंचे शिखर को फतेह किया है। उतरी अमेरिका की देनाली पर भी उन्होंने संघर्ष किया। माउंट एवरेस्ट के समान ही माउंट मनास्लू को भी अनीता ने फतेह किया है। इन उपलब्धियों के लिए अनीता को तेनजिंग नोर्गे नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
Anita Kundu की उपलब्धियां
- 18 मई 2013 को नेपाल के रास्ते mount everest फतेह किया।
- 21 मई 2017 में चीन के रास्ते से एवरेस्ट फतेह किया और mount everest को दोनों रास्तों से फतेह करने वाली देश की पहली बेटी बनीं।
- 2018 में दुनिया की सात सबसे ऊंची पर्वत चोटियों पर चढ़ाई अभियान के तहत अफ्रीका की Kilimanjaro, यूरोप की elburs, अंटार्कटिका की Vinson Massif , दक्षिणी अमेरिका की Akankaguwa, ऑस्ट्रेलिया की Carstensz Pyramid Peak पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की।
- 27 सितंबर 2019 को चोटी Mount Manaslu को फतेह किया।
- 5 अक्तूबर 2020 को उत्तराखंड में स्थित Rudugaira के 5800 मीटर ऊंचे शिखर को फतेह किया
Subscribe Our Channel: https://youtube.com/@vup_samachar?si=7fU727DBfBSVisVB