Reality show: क्या ये वाकई Truly Real होते हैं या Manipulated? 24/7

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Reality show, एक ऐसा शब्द जो सुनते ही हमारे दिमाग में बड़े-बड़े स्टेज, चमकते कैमरे, और कंटेस्टेंट्स की इमोशनल जर्नी आ जाती है। चाहे वह ‘बिग बॉस’ हो, ‘इंडियन आइडल’ हो, या फिर ‘खतरों के खिलाड़ी’, ये शोज़ न केवल हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी में एक एंटरटेनमेंट का जरिया बन गए हैं, बल्कि हमारे मन में कई सवाल भी छोड़ते हैं। सबसे बड़ा सवाल यही उठता है—क्या ये शो सच में रियल होते हैं? या ये सिर्फ स्क्रीन पर दिखाने के लिए तैयार की गई एक स्क्रिप्टेड कहानी है?

रियलिटी शो का आकर्षण और लोकप्रियता

Reality show ने पिछले कुछ सालों में टेलीविज़न की दुनिया में बेतहाशा लोकप्रियता हासिल की है। दर्शकों को यह महसूस होता है कि जो कुछ भी वे देख रहे हैं, वह रियल है। उन्हें ऐसा लगता है कि कंटेस्टेंट्स के आंसू, उनकी मुस्कान, उनकी लड़ाई-झगड़े—सब कुछ असली हैं। यही वजह है कि दर्शक इन शो से भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं और उनका हिस्सा बन जाते हैं।

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लेकिन एक सवाल हमेशा हमारे मन में उठता है—क्या वाकई ये सारे इमोशंस असली होते हैं? क्या हर लड़ाई, हर जीत और हर हार स्क्रिप्टेड नहीं होती?

क्या है रियलिटी शो की हकीकत?

Reality show को रियल दिखाने के पीछे एक बड़ा तंत्र काम करता है। ये शो कई घंटे की शूटिंग के बाद एडिट किए जाते हैं ताकि एक बेहतरीन कहानी बनाई जा सके। कई बार कंटेस्टेंट्स को उनके बर्ताव को थोड़ा ड्रामेटिक बनाने के लिए प्रोड्यूसर द्वारा प्रेरित किया जाता है।

एक उदाहरण लेते हैं ‘बिग बॉस’ का। शो के अंदर कंटेस्टेंट्स की लड़ाइयां, दोस्ती और दुश्मनी इतनी तेजी से बदलती है कि यकीन करना मुश्किल हो जाता है कि ये सब वाकई में रियल हैं। कंटेस्टेंट्स पर प्रोड्यूसर्स का दबाव रहता है कि वे शो के एंटरटेनमेंट फैक्टर को बनाए रखें, ताकि टीआरपी बढ़ती रहे।

एक और प्रसिद्ध रियलिटी शो ‘इंडियन आइडल’ को ही देख लीजिए। इसके ऑडिशन राउंड में कई ऐसे कंटेस्टेंट्स होते हैं जो अपनी दुखभरी कहानियों के साथ आते हैं, और दर्शकों का दिल जीत लेते हैं। लेकिन क्या हर बार ये कहानियां असली होती हैं? कई बार इन कहानियों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है ताकि दर्शक भावनात्मक रूप से जुड़ सकें।

स्क्रिप्टिंग और मैनिपुलेशन: दर्शकों को धोखा?

Reality show में स्क्रिप्टिंग और मैनिपुलेशन एक आम बात हो गई है। कंटेंट को रियल दिखाने के बावजूद, प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स कई चीजों को कंट्रोल करते हैं।

  1. लड़ाई-झगड़े और ड्रामा – यह कहना गलत नहीं होगा कि रियलिटी शोज़ का असली मजा उनके ड्रामे में होता है। कभी-कभी छोटे-छोटे मुद्दों को बड़ा करके दिखाया जाता है ताकि दर्शकों को एक मसालेदार कहानी मिले।
  2. कंटेस्टेंट्स की छवि – कई बार कंटेस्टेंट्स की छवि को जानबूझकर अच्छा या बुरा दिखाया जाता है। एडिटिंग के जरिए कुछ कंटेस्टेंट्स को हीरो तो कुछ को विलेन बना दिया जाता है।
  3. वोटिंग प्रक्रिया – दर्शकों की वोटिंग एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, लेकिन कई बार यह सवाल उठता है कि क्या दर्शकों की वोटिंग का वाकई में कोई असर होता है? या फिर शो के निर्माता पहले से ही तय कर लेते हैं कि कौन शो जीतेगा?
दर्शकों की उम्मीदें और वास्तविकता

Reality show की लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि दर्शक इन्हें देखना पसंद करते हैं। वे अपने पसंदीदा कंटेस्टेंट्स के लिए वोट करते हैं, उनके साथ हंसते हैं, रोते हैं, और उनके जीतने की उम्मीद करते हैं। लेकिन जब उन्हें पता चलता है कि शो के पीछे एक बड़ी स्क्रिप्टेड कहानी काम कर रही है, तो यह उनके लिए एक बड़ा धोखा साबित होता है।

क्या सभी रियलिटी शो स्क्रिप्टेड होते हैं?

यह जरूरी नहीं कि हर Reality show स्क्रिप्टेड हो। कुछ शो में असली टैलेंट और संघर्ष भी देखने को मिलते हैं। जैसे ‘खतरों के खिलाड़ी’, जहां असली स्टंट्स और कंटेस्टेंट्स की हिम्मत का इम्तिहान होता है। लेकिन फिर भी, एंटरटेनमेंट फैक्टर को बनाए रखने के लिए कई चीजें मॉडिफाई की जाती हैं।

रियलिटी शोज़ की लोकप्रियता का राज क्या है?

अगर ये शोज़ स्क्रिप्टेड होते हैं तो भी लोग इन्हें क्यों देखते हैं? इसका जवाब है मनोरंजन। दर्शक इन शोज़ में दिखाए गए ड्रामे और इमोशंस का आनंद लेते हैं। ये शोज़ उन्हें उनके रोजमर्रा की जिंदगी से दूर एक अलग दुनिया में ले जाते हैं, जहां संघर्ष, जीत, और हार सबकुछ दिलचस्प होता है।

क्या हमें रियलिटी शोज़ को गंभीरता से लेना चाहिए?

Reality show एक मनोरंजन का साधन हैं, और हमें उन्हें उसी रूप में देखना चाहिए। यह जरूरी नहीं कि हम हर बात को रियल मानें। हमें यह समझने की जरूरत है कि ये शोज़ सिर्फ हमें एंटरटेन करने के लिए बनाए जाते हैं।

Reality show निष्कर्ष: रियल या फेक—फर्क क्या है?

अंत में यह कहना गलत नहीं होगा कि Reality show का “रियल” होना एक भ्रम है। इनमें से कई शोज़ स्क्रिप्टेड होते हैं, और उनका उद्देश्य दर्शकों को आकर्षित करना होता है। इसलिए, जब भी हम किसी रियलिटी शो को देखें, तो यह याद रखें कि यह सिर्फ मनोरंजन है, और इसे उसी दृष्टिकोण से देखें।

क्या आपको लगता है कि रियलिटी शोज़ वाकई रियल होते हैं? अपनी राय हमें कमेंट्स में जरूर बताएं!

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