रतन टाटा का निधन: 2024 में भारत ने खोया अपना Irreplaceable रत्न, Deeply Heartbreaking राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

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रतन टाटा
रतन टाटा

भारत के महान उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार को निधन हो गया, जिससे देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। 86 वर्षीय रतन टाटा ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। उनकी मृत्यु के साथ, भारत ने एक ऐसे व्यक्तित्व को खो दिया है, जिसे देश का अनमोल रत्न माना जाता था। उनका पार्थिव शरीर एनसीपीए (नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स) में रखा गया है, जहां शाम 4 बजे तक लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। उनका अंतिम संस्कार मुंबई के वर्ली स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा।

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देश में शोक की लहर

रतन टाटा के निधन के बाद देशभर में शोक का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति समेत देश के प्रमुख राजनेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी उनके निधन को देश और राज्य के लिए एक बड़ी क्षति बताया है। महाराष्ट्र सरकार ने रतन टाटा के सम्मान में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है, जिसमें सरकारी दफ्तरों पर तिरंगा आधा झुका रहेगा और कोई भी मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा।

अंतिम संस्कार की तैयारियां

रतन टाटा के अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है। उनके अंतिम संस्कार में देश के कई दिग्गज हस्तियां और राजनेता शामिल होंगे। गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने की संभावना है। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन, अभिनेता शाहरुख खान समेत कई सितारे भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे।

भारत रत्न की मांग
रतन टाटा
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रतन टाटा के निधन के बाद शिवसेना ने उनके लिए भारत रत्न की मांग उठाई है। शिवसेना नेता राहुल कनाल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर उनके नाम को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ के लिए केंद्र सरकार को प्रस्तावित करने का आग्रह किया है। महाराष्ट्र कैबिनेट ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है, जिससे इस मांग को और बल मिला है।

अंतिम संस्कार की प्रक्रिया

रतन टाटा का अंतिम संस्कार पारंपरिक पारसी रीति से किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को वर्ली के श्मशान घाट पर ले जाया जाएगा, जहां प्रार्थना हॉल में उनके लिए विशेष प्रार्थना की जाएगी। प्रार्थना के बाद उनके शरीर को इलेक्ट्रिक अग्निदाह प्रक्रिया के माध्यम से अंतिम विदाई दी जाएगी। रतन टाटा के निधन के साथ ही उनकी महान विरासत हमेशा के लिए अमर रहेगी।

टाटा समूह का योगदान

रतन टाटा ने टाटा समूह को एक वैश्विक पहचान दिलाई। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने नई ऊंचाइयों को छुआ और कई महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यों में भी भाग लिया। वे एक उदार और मानवतावादी व्यक्ति थे, जिन्होंने समाज की बेहतरी के लिए अपने जीवन को समर्पित किया। उनका योगदान न केवल भारतीय उद्योग जगत के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है।

श्रद्धांजलि

रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वह एक सच्चे विजनरी और नैतिकता के प्रतीक थे। उनके योगदान का वर्णन करने के लिए एक पूरी किताब भी शायद कम होगी। उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहीं, सिमी ग्रेवाल ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए रतन टाटा को एक अनमोल मित्र बताया।

रतन टाटा का निधन भारतीय उद्योग और समाज के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनकी विरासत सदैव हमारे बीच जीवित रहेगी। उनका जीवन और उनके कार्य समाज को सदैव प्रेरणा देते रहेंगे।

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