Absolutely Contentious Message: S. Jai Shankar: भारत और पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा से ही तनावपूर्ण रहे हैं, खासकर जब बात आतंकवाद की आती है। इस पृष्ठभूमि में, विदेश मंत्री एस. जयशंकर का पाकिस्तान जाने का निर्णय कई सवाल खड़े करता है, लेकिन उनके इस दौरे के पीछे की रणनीति को समझना बेहद जरूरी है। जयशंकर ने हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान जाने का निर्णय लिया है। हालांकि, उनका यह दौरा सिर्फ औपचारिकता भर नहीं है, बल्कि एक स्पष्ट संदेश देने के लिए भी है।
Absolutely Contentious Message: SCO की बैठक और पाकिस्तान का संदर्भ
एस. जयशंकर ने दिल्ली में सरदार पटेल लेक्चर ऑन गवर्नेंस कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट किया कि वह SCO समिति में एक अच्छे सदस्य के तौर पर जा रहे हैं, लेकिन उनका इस दौरे को लेकर एक खास उद्देश्य भी है। उनके इस दौरे से यह भी साफ होता है कि भारत अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने कर्तव्यों को निभाने से पीछे नहीं हटेगा, चाहे रिश्तों में कितना भी तनाव क्यों न हो।
भारत ने कई बार पाकिस्तान पर यह आरोप लगाया है कि वह आतंकवाद को समर्थन देता है, और इसी कारण से भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते लगातार खराब होते जा रहे हैं। जयशंकर ने अपनी इस यात्रा के पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि आतंकवाद एक ऐसा मुद्दा है जिस पर कोई समझौता नहीं हो सकता। यह बयान भारत के उस सख्त रुख को दोहराता है, जिसे वह कई सालों से लेकर चल रहा है।
Absolutely Contentious Message: सार्क का रुकना: आतंकवाद एक बड़ा कारण
जयशंकर ने अपने भाषण में सार्क (SAARC) का भी जिक्र किया और बताया कि यह संगठन फिलहाल ठप पड़ा हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि सार्क की बैठक कई सालों से नहीं हुई है, और इसका मुख्य कारण यह है कि इसके एक सदस्य (पाकिस्तान) द्वारा आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह एक गंभीर मुद्दा है जो दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के भविष्य पर सवाल खड़ा करता है।
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता रहेगा, तो भारत सार्क को आगे बढ़ाने में कोई रुचि नहीं रखेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसका मतलब यह नहीं है कि क्षेत्रीय गतिविधियां रुक गई हैं। उन्होंने पिछले 5-6 सालों में भारत की क्षेत्रीय सहयोग में सक्रिय भूमिका का जिक्र किया और बताया कि भारत अन्य पड़ोसी देशों के साथ मिलकर कई विकास परियोजनाओं में भागीदार बना हुआ है।
Absolutely Contentious Message: पड़ोसी देशों के साथ संबंधों की मजबूती
जयशंकर ने अपने भाषण में बताया कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ मजबूत रिश्ते बना रहा है, खासकर बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार और श्रीलंका के साथ। इन देशों के साथ रेल, सड़क और बिजली ग्रिड के पुनर्निर्माण और विस्तार पर काम हो रहा है। यह दर्शाता है कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत कर रहा है और इसके जरिए दक्षिण एशियाई क्षेत्र में स्थिरता लाने का प्रयास कर रहा है।
इन रिश्तों के विस्तार से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत सिर्फ पाकिस्तान पर निर्भर नहीं है, बल्कि वह अन्य दक्षिण एशियाई देशों के साथ अपने संबंधों को और भी गहरा कर रहा है।
Absolutely Contentious Message: मिडल ईस्ट में बढ़ती अस्थिरता पर जयशंकर की चिंता
एस. जयशंकर ने मिडल ईस्ट और पश्चिम एशिया की अस्थिरता पर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र अब एक अवसर नहीं, बल्कि गहरी चिंता का विषय बन गया है। उन्होंने बताया कि मिडल ईस्ट में हो रहे संघर्षों का प्रभाव सिर्फ उसी क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। उन्होंने गाजा में हुए संघर्ष और लेबनान, इस्राइल और ईरान के बीच के तनाव का भी जिक्र किया।
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि मिडल ईस्ट में हो रहे ये संघर्ष ग्लोबल सप्लाई चेन पर भी निगेटिव असर डाल रहे हैं। चाहे यूक्रेन में संघर्ष हो या मिडल ईस्ट में, यह सभी मुद्दे विश्व अर्थव्यवस्था और राजनीति को प्रभावित कर रहे हैं।
Absolutely Contentious Message: पाकिस्तान को आतंकवाद पर कड़ी प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के साथ सीधे संवाद की बात करें, तो भारत इस पर बहुत उत्सुक नहीं दिख रहा है। इसका मुख्य कारण पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीतियां हैं। जयशंकर ने अपने बयान में साफ किया कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता रहेगा, तब तक भारत उसके साथ किसी भी प्रकार के संवाद में कोई खास प्रगति नहीं देखेगा। हालांकि, जयशंकर का पाकिस्तान दौरा एक कूटनीतिक औपचारिकता के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि भारत इस दौरे को लेकर किसी बड़ी उम्मीद से नहीं जा रहा है।
Absolutely Contentious Message: आतंकवाद पर सख्त रुख
जयशंकर के इस दौरे से एक स्पष्ट संदेश जाता है कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा। वह पाकिस्तान के साथ किसी भी द्विपक्षीय बातचीत में तभी शामिल होगा, जब पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद करेगा। हालांकि, भारत यह भी नहीं चाहता कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उसकी छवि ऐसी बने कि वह द्विपक्षीय कठिनाइयों को क्षेत्रीय सहयोग मंचों पर हावी होने दे रहा है।
Absolutely Contentious Message: एससीओ समिट में भागीदारी: भारत का रुख
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है जिसमें चीन, रूस, और मध्य एशियाई देशों के साथ-साथ भारत और पाकिस्तान भी शामिल हैं। भारत इस संगठन का एक प्रमुख सदस्य है और वह अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए समिट में भाग ले रहा है। हालांकि, जयशंकर ने साफ कर दिया है कि वह इस समिट में एक अच्छे सदस्य के तौर पर शामिल हो रहे हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वह पाकिस्तान के साथ किसी बड़ी कूटनीतिक प्रगति की उम्मीद कर रहे हैं।
Absolutely Contentious Message: निष्कर्ष
एस. जयशंकर का पाकिस्तान दौरा भारत की कूटनीतिक नीतियों का एक स्पष्ट उदाहरण है। भारत आतंकवाद के मुद्दे पर अपनी सख्त स्थिति को बनाए रखते हुए भी अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहा है। पाकिस्तान के साथ रिश्तों में कोई खास प्रगति होने की उम्मीद तो नहीं है, लेकिन यह दौरा भारत के अंतर्राष्ट्रीय कर्तव्यों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पाकिस्तान और भारत के रिश्ते में तनाव बना रहेगा, जब तक कि पाकिस्तान अपनी आतंकवाद समर्थक नीतियों को बदलता नहीं है। एस. जयशंकर ने अपने इस दौरे से एक स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं करेगा, लेकिन वह अपनी कूटनीतिक जिम्मेदारियों को निभाने से भी पीछे नहीं हटेगा।
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