नवरात्रि का 9वां दिन: माँ सिद्धिदात्री की पूजा और उनका Divine Blessing, Truly Auspicious आशीर्वाद

Share this article
नवरात्रि
नवरात्रि

नवरात्रि का नवां दिन बेहद खास और महत्वपूर्ण होता है। इस दिन माँ दुर्गा के नौवें स्वरूप माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। माँ सिद्धिदात्री को सभी सिद्धियों की दात्री माना जाता है, जो अपने भक्तों को हर प्रकार की सिद्धियाँ प्रदान करती हैं। इस दिन भक्तजन विशेष उपासना, व्रत और पूजा-अर्चना करते हैं, ताकि माँ का आशीर्वाद उन्हें प्राप्त हो सके।

नवरात्रि: माँ सिद्धिदात्री का स्वरूप

माँ सिद्धिदात्री का स्वरूप अति दिव्य और सुंदर है। देवी का रूप चार भुजाओं वाला है, जिनमें वह शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण करती हैं। देवी कमल के आसन पर विराजमान होती हैं और उनके वाहन सिंह होता है। माँ के इस स्वरूप में अपार करुणा और शक्ति का समावेश होता है। भक्तगण माँ की आराधना करते हुए अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं।

माँ सिद्धिदात्री की कथा

माँ सिद्धिदात्री की कथा बेहद प्राचीन और प्रेरणादायक है। जब भगवान विष्णु और ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी, तो उन्हें महाशक्ति की आवश्यकता थी। उस समय माँ सिद्धिदात्री ने भगवान विष्णु और ब्रह्मा को अपनी शक्तियों का आशीर्वाद दिया और उन्हें सृष्टि का निर्माण करने में सहायता की। यह भी मान्यता है कि भगवान शिव ने भी माँ सिद्धिदात्री की उपासना की थी और उनकी कृपा से उन्हें अर्धनारीश्वर का रूप प्राप्त हुआ।

माँ सिद्धिदात्री का आशीर्वाद
नवरात्रि
नवरात्रि

माँ सिद्धिदात्री का आशीर्वाद केवल भौतिक जीवन में ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जीवन में भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। भक्तों का मानना है कि माँ की कृपा से उन्हें मानसिक शांति, सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। माँ की आराधना से व्यक्ति के भीतर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और उसे जीवन में सही मार्गदर्शन प्राप्त होता है। माँ सिद्धिदात्री की पूजा करने वाले भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।

पूजा विधि

नवमी के दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा विधि अत्यंत सरल और फलदायी होती है। इस दिन प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और माँ सिद्धिदात्री की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएं। चंदन, अक्षत, पुष्प और फल अर्पित करें और माँ के मंत्रों का जाप करें। माँ सिद्धिदात्री के निम्न मंत्र का जाप करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें:

मंत्र:

“ॐ सिद्धिदात्रीयै नमः”

इस मंत्र का 108 बार जाप करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है। इसके बाद माँ को सफेद पुष्प और फल अर्पित करें, क्योंकि सफेद रंग माँ सिद्धिदात्री का प्रिय रंग होता है। पूजा के अंत में माँ की आरती करें और प्रसाद बांटें। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करना भी अत्यधिक पुण्य का कार्य माना जाता है।

Also read: Navratri 2024 Day 8: मां महागौरी,Infinite शक्ति, Divine शांति, Eternal सौंदर्य और Unstoppable कृपा की देवी…

कन्या पूजन का महत्व

नवमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन नौ कन्याओं और एक बालक को भोजन कराकर सम्मान दिया जाता है। कन्याओं को माँ दुर्गा का स्वरूप माना जाता है, और उन्हें भोजन कराकर देवी की कृपा प्राप्त होती है। यह मान्यता है कि कन्या पूजन से घर में सुख-समृद्धि आती है और सभी प्रकार की परेशानियों का अंत होता है।

नवरात्रि का समापन और विजयदशमी
नवरात्रि
नवरात्रि

नवमी के बाद दशहरा या विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है, जो नवरात्रि के समापन का प्रतीक होता है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था, इसलिए इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों की साधना के बाद विजयदशमी का पर्व जीवन में विजयोत्सव का संदेश देता है। माँ सिद्धिदात्री की कृपा से जीवन में आने वाली सभी बाधाएँ दूर होती हैं और व्यक्ति अपने लक्ष्य की प्राप्ति करता है।

माँ सिद्धिदात्री का भोग

नवमी के दिन माँ सिद्धिदात्री को विशेष रूप से हलवे, पूरी और चने का भोग अर्पित किया जाता है। माँ को सफेद रंग का भोग विशेष प्रिय होता है, इसलिए इस दिन दूध से बने व्यंजन भी अर्पित किए जा सकते हैं। भोग अर्पण के बाद प्रसाद को परिवार के सदस्यों और गरीबों में बांटा जाता है। माँ के प्रसाद को ग्रहण करने से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वह जीवन में नई उमंग और आशा के साथ आगे बढ़ता है।

माँ सिद्धिदात्री की कृपा से मिलने वाले लाभ

माँ सिद्धिदात्री की कृपा से व्यक्ति के जीवन में अनेक लाभ होते हैं। माँ की आराधना से न केवल भौतिक सुख-समृद्धि मिलती है, बल्कि आध्यात्मिक प्रगति भी होती है। माँ की कृपा से जीवन में आने वाली सभी प्रकार की रुकावटें समाप्त होती हैं और व्यक्ति को जीवन में सफलता प्राप्त होती है। जो व्यक्ति नियमित रूप से माँ सिद्धिदात्री की पूजा करता है, उसके जीवन में कभी धन, वैभव और शांति की कमी नहीं होती।

  1. मानसिक शांति: माँ सिद्धिदात्री की पूजा से व्यक्ति को मानसिक शांति और संतोष की प्राप्ति होती है। यह पूजा मानसिक तनाव और अवसाद को दूर करने में सहायक होती है।
  2. भौतिक समृद्धि: माँ सिद्धिदात्री की कृपा से व्यक्ति को धन, वैभव और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। उनका आशीर्वाद जीवन में समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।
  3. सकारात्मक ऊर्जा: माँ की उपासना से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो उसे जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।
  4. आध्यात्मिक प्रगति: माँ सिद्धिदात्री की आराधना से व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  5. स्वास्थ्य लाभ: माँ की कृपा से व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार होता है और उसे दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। माँ सिद्धिदात्री की पूजा से व्यक्ति के जीवन से बीमारियाँ और कष्ट दूर होते हैं।
नवरात्रि के नवें दिन का महत्व

नवरात्रि का नवां दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन माँ सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है। यह दिन साधना, तपस्या और माँ की कृपा प्राप्त करने का दिन होता है। माँ की पूजा करने से भक्तों को असीम शक्ति और आत्मबल की प्राप्ति होती है। माँ की कृपा से भक्तों के जीवन में सभी प्रकार की परेशानियाँ समाप्त होती हैं और उन्हें अपने कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

नवरात्रि के नौ दिन

नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। ये नौ दिन साधना और तपस्या के होते हैं, जिसमें भक्तजन माँ की आराधना करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। नवरात्रि के पहले दिन से लेकर नवें दिन तक, हर दिन का अपना विशेष महत्व होता है। नवमी का दिन इन नौ दिनों की साधना का अंतिम दिन होता है, इसलिए इसे विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। माँ सिद्धिदात्री की कृपा से व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार की परेशानियाँ समाप्त होती हैं और उसे अपने कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

नवरात्रि का आध्यात्मिक संदेश

नवरात्रि केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक भी है। नवरात्रि के नौ दिनों की साधना से व्यक्ति अपने भीतर की नकारात्मकताओं को समाप्त करता है और आत्मबल को जागृत करता है। यह पर्व हमें यह संदेश देता है कि जीवन में हर चुनौती का सामना धैर्य और शक्ति के साथ करना चाहिए। माँ दुर्गा के नौ रूप हमें जीवन के हर पहलू में सही मार्गदर्शन देते हैं और हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

निष्कर्ष

नवमी के दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा और उपासना करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। माँ की कृपा से भक्तों के जीवन में सभी प्रकार की परेशानियाँ समाप्त होती हैं और उन्हें अपने कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। माँ सिद्धिदात्री की आराधना से व्यक्ति को मानसिक शांति, भौतिक समृद्धि और आध्यात्मिक प्रगति की प्राप्ति होती है। इस नवरात्रि के नवें दिन, माँ सिद्धिदात्री की पूजा करके उनके आशीर्वाद को प्राप्त करें और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का अनुभव करें।

Subscribe our channel: https://www.youtube.com/@rajnitibharat

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *