Navratri 2024 Day 7: नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा और आराधना के लिए मनाया जाता है। इन नौ दिनों में भक्त मां दुर्गा के विभिन्न रूपों का स्मरण कर उनकी उपासना करते हैं। नवरात्रि के सातवें दिन को मां कालरात्रि की पूजा के लिए समर्पित किया जाता है। कालरात्रि देवी के नाम से ही उनकी शक्ति और उनके विकराल रूप का एहसास होता है।
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Navratri 2024 Day 7: मां कालरात्रि का स्वरूप और प्रतीकात्मकता
मां कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत भयंकर माना जाता है, लेकिन उनके इस भयानक रूप में भी भक्तों के लिए अपार दया और सुरक्षा छिपी होती है। उन्हें ‘काल’ यानी समय और मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाली देवी माना जाता है। उनके नाम का अर्थ है “काल (अंधकार या मृत्यु) को नष्ट करने वाली रात।” वह अज्ञान, नकारात्मक ऊर्जा, भय और अंधकार का नाश करती हैं और भक्तों को समृद्धि, साहस और सकारात्मकता का आशीर्वाद देती हैं।
मां कालरात्रि का शरीर काला है, उनके बाल बिखरे हुए होते हैं, और गले में विद्युत जैसी माला सुशोभित होती है। उनका वाहन गधा है, जो उनके तपस्वी स्वरूप को दर्शाता है। उनके तीन नेत्र हैं, जो ब्रह्मांड की घटनाओं को देखने की शक्ति का प्रतीक हैं। उनके चार हाथों में वेत्र, खड्ग, अभय मुद्रा और वरमुद्रा होती है। उनके इस भयानक रूप को देखकर शत्रुओं का हृदय कांप उठता है, लेकिन भक्तों के लिए यह रूप स्नेह, साहस और रक्षा का प्रतीक है।
Navratri 2024 Day 7: मां कालरात्रि का महत्व
Navratri 2024 Day 7: मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों के सभी प्रकार के भय और शत्रुओं का नाश होता है। देवी का यह रूप साहस और शक्ति का प्रतीक है, और यह हमें यह सिखाता है कि जीवन में चाहे कितनी भी चुनौतियां क्यों न आएं, उन्हें निडर होकर सामना करना चाहिए। उनकी पूजा से हमें अज्ञान, भय और बुराई से लड़ने की प्रेरणा मिलती है। मां कालरात्रि जीवन में आ रही कठिनाइयों और विपत्तियों का नाश करती हैं और हमें अज्ञानता के अंधकार से निकालकर ज्ञान और प्रकाश की ओर ले जाती हैं।
देवी कालरात्रि को महाशक्ति का रूप माना जाता है, जो सभी नकारात्मक शक्तियों और बुराइयों का अंत करती हैं। उन्हें ‘शुभंकरी’ भी कहा जाता है, क्योंकि उनका रूप भयंकर होते हुए भी वह अपने भक्तों के लिए शुभ फलदायिनी हैं।
Navratri 2024 Day 7: मां कालरात्रि की पूजा विधि
नवरात्रि के सातवें दिन, मां कालरात्रि की पूजा विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और मां की पूजा करते समय लाल या नीले रंग के वस्त्र पहनते हैं। पूजा के दौरान देवी को लाल फूल अर्पित किए जाते हैं और दीप जलाकर मां को ध्यानपूर्वक प्रणाम किया जाता है।
मां कालरात्रि की पूजा में भक्त निम्न मंत्र का जाप करते हैं:
मंत्र:
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नमः”
इस मंत्र का जाप करने से मां कालरात्रि की कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार के भय और संकटों से मुक्ति मिलती है।
Navratri 2024 Day 7: मां कालरात्रि का आध्यात्मिक संदेश
मां कालरात्रि का स्वरूप हमें यह सिखाता है कि जीवन में अंधकार, बाधाएं, और नकारात्मक शक्तियां हमेशा होंगी, लेकिन साहस, विश्वास, और सच्चाई की शक्ति के साथ हम उन्हें परास्त कर सकते हैं। उनका भयावह रूप हमें यह संदेश देता है कि जो नकारात्मकता, भय, और अनैतिकता के रास्ते पर चलते हैं, उन्हें नष्ट होना ही है, जबकि भक्तों के लिए उनका हृदय स्नेह और करुणा से भरा हुआ है।
मां कालरात्रि हमें यह भी सिखाती हैं कि कठिन समय और विपरीत परिस्थितियों में भी हमें धैर्य और साहस नहीं छोड़ना चाहिए। उनके आशीर्वाद से जीवन की हर चुनौती का सामना करते हुए सफलता प्राप्त की जा सकती है।
Navratri 2024 Day 7: मां कालरात्रि की पूजा के लाभ
मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों को कई आध्यात्मिक और मानसिक लाभ प्राप्त होते हैं:
- भय से मुक्ति: मां कालरात्रि की पूजा से सभी प्रकार के भय और अज्ञात शक्तियों का नाश होता है।
- शत्रुओं पर विजय: देवी की कृपा से शत्रु भी मित्र बन जाते हैं और हर विपत्ति का अंत होता है।
- साहस और आत्मविश्वास: मां कालरात्रि की पूजा से आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है, जिससे जीवन की चुनौतियों का डटकर सामना किया जा सकता है।
- अज्ञान का अंत: देवी हमें ज्ञान का प्रकाश देती हैं और अज्ञानता के अंधकार को दूर करती हैं।
- नकारात्मकता का नाश: मां कालरात्रि की उपासना से घर और जीवन से सभी नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
Navratri 2024 Day 7: निष्कर्ष
मां कालरात्रि की पूजा न केवल भय और अज्ञान का नाश करती है, बल्कि यह हमें जीवन में साहस, विश्वास और सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देती है। नवरात्रि के सातवें दिन की पूजा का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है क्योंकि यह दिन हमें हमारी आंतरिक शक्तियों को पहचानने और उन्हें जागृत करने का अवसर देता है।
मां कालरात्रि की पूजा से हर भक्त को न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक सुरक्षा भी प्राप्त होती है। उनका आशीर्वाद हमें जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति देता है और यह विश्वास दिलाता है कि चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों, सच्चाई और साहस के साथ आगे बढ़ने पर हमेशा विजय हमारी ही होगी।
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