Monkeypox Vaccine: दुनिया भर में खतरे की घंटी बजाने के बाद monkeypox ने भारत में भी दस्तक दे दी है। आपको बता दें कि देश में पहला monkey pox or mpox का पहला केस पाया गया है। कहा जा रहा है कि हाल ही में विदेश से लौटे एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण पाए जाने के बाद उसे अस्पताल के isolation ward में रखा गया है। मंकीपॉक्स का पहला केस देश में पाए जाने के बाद high alert घोषित हो गया है। इसके लक्षण और बचाव के तरीके हर किसी को जानने चाहिए ताकि monkey pox का कहर ज्यादा ना फैल सके।
Monkeypox Vaccine: स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस शख्स की contact tracing भी शुरू कर दी
व्यक्ति का blood test किया गया है और केस की जांच की गई जिसके बाद स्वस्थ्य मंत्रालय ने monkey pox होने की पुष्टि कर दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस शख्स की contact tracing भी शुरू कर दी है ताकि ये पता लगाया जा सके कि इस मरीज के संपर्क में कितने और कौन कौन से लोग आ चुके हैं। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health ) ने कहा कि देश Monkeypox से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है लेकिन फिर भी जनता को इसके लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी होना जरूरी है।
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Monkeypox Vaccine: क्या है मंकीपॉक्स और इसके लक्षण
आपको बता दें कि WHO 14 अगस्त को मंकी पॉक्स को global health emergency घोषित कर चुका है और अमेरिका औऱ यूरोप में इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। आपको बता दें कि मंकी पॉक्स वायरस से फैलने वाली बीमारी है जो mpox virus के जरिए जानवरों से होते हुए इंसानों में फैलती है। मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार आता है।
इसके शुरुआती लक्षणों में तेज बुखार के बाद सिर में तेज दर्द होता है। मांसपेशियों में दर्द होता है। व्यक्ति को थकान और कमजोरी महसूस होती है। शरीर पर दाने निकल आते हैं और त्वचा पर लाल चकत्ते दिखने लगते हैं। Body पर निकलने वाले दानों में पानी भर जाता है।
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Monkeypox Vaccine: Monkeypox की वैक्सीन का नाम है क्या ?
Doctor कहते हैं कि Vaccine के जरिए Monkeypox के कहर को रोका जा सकता है। विदेशी बाजार में मंकी पॉक्स की वैक्सीन JYNNEOS Vaccine उपलब्ध हो चुकी है। कहा जा रहा है कि Europe और America में Monkeypox के इसी टीके की मदद से इस virus को रोका जा सका है। इस टीके को बांह में लगाया जाता है और इसकी दो खुराक 28 दिन के अंतराल पर दी जाती हैं। ये टीका दरअसल कोरोना के टीके की तरह शरीर में immunity power बढ़ाता है जिससे वायरस से संक्रमित होने की संभावना कम हो जाती है।
इसकी पहली खुराक के बाद शरीर में immunity process शुरू हो जाती है। अगर आप किसी ऐसे इलाके की यात्रा कर रहे हैं जहां मंकीपॉक्स फैला है तो आपको प्रतिरक्षा के लिए इस टीके को लगाने की सलाह दी जाती है। जिन लोगो को Monkeypox हो चुका है, उनको टीका लगवाने की सलाह नहीं दी जाती है। अगर किसी व्यक्ति का मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति से संपर्क हुआ है तो उसे जल्द से जल्द टीका लगवाना चाहिए।
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