India America Impact Summit: भारत रूस और अमेरिका दोनों पक्षों के बीच खेलता रहा है।

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India America Impact Summit

India America Impact Summit: हाल में अमेरिकी सांसद ने भारत से कहा आप सिर्फ हमारे साथ मजबूत दोस्‍ती रखे। भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने कहा है कि मानवाधिकारों (Human Rights) पर भारत को व्याख्यान देने से काम चलने की संभावना नहीं है। कांग्रेसनल इंडिया कॉकस (Congressional India Caucus ) के सह-अध्यक्ष और कांग्रेसी रो खन्नाने तीन अन्य भारतीय अमेरिकी सांसदों – श्री थानेदार प्रमिला जयपाल और डॉ. अमी बेरा के साथ Indian American Impact का शिखर सम्मेलन Desi Decides के दौरान एक पैनल चर्चा के गुरुवार को दौरान इस मामले पर बात की।

India America Impact Summit Discussion

भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने कहा है कि मानवाधिकारों पर भारत को सिर्फ बात करने से काम नहीं चलेगा। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि वे इस मुद्दे पर चिंताएं व्‍यक्‍त करने के लिए महत्वपूर्ण देश के नेतृत्व के साथ बातचीत करने के पक्ष में हैं। भारत को human rights के प्रति सख्त कदम उठाने होंगे।

Congressional India Caucus के सह-अध्यक्ष और कांग्रेसी Ro Khanna तीन अन्य भारतीय अमेरिकी सांसदों – Shri Thanedar Pramila Jaipal और Dr. Ami Bera के साथ India America Impact Summit ‘Desi Decides ‘ के दौरान एक पैनल चर्चा के दौरान इस मामले पर बात की।

Democratic Party से जुड़े सांसदों ने दोहराया कि वे अपने नेतृत्व के साथ भारत में मानवाधिकारों का मुद्दा उठाना जारी रखेंगे। भारत में 100 से अधिक वर्षों तक उपनिवेश रहा है।

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इसलिए, जब हम मानवाधिकारों के बारे में बातचीत कर रहे हैं, और आप विदेश मंत्री एस जयशंकर या किसी अन्य के साथ बातचीत कर रहे हैं तो आपको यह समझना होगा कि आप सिर्फ भारत को उपदेश देने के नजरिए से आ रहे हैं। खन्ना ने भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों से कहा ,जब वे कहते हैं कि औपनिवेशिक शक्तियों ने हमें सैकड़ों वर्षों तक उपदेश दिया है तो यह फायदेमंद नहीं होगा।

पैनल चर्चा का संचालन करते हुए एबीसी के राष्ट्रीय संवाददाता जोहरीन शाह ने खन्ना से मुस्लिम समुदाय के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंधों के बारे में पूछा तो उन्‍होंने कहा क‍ि भारत के साथ बातचीत करना, यहां हमारे लोकतंत्र में खामियां हैं, आपके लोकतंत्र में क्या खामियां हैं और हम सामूहिक रूप से लोकतंत्र और मानवाधिकारों को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं, मुझे लगता है कि यह अधिक रचनात्मक दृष्टिकोण है।

खन्‍ना के उक्‍त कथन पर बेरा सहमति‍ जताते हुए कहा क‍ि उन्‍होंने भारतीय विदेश मंत्री से भी यही कहा है। यदि भारत अपना धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र खो देता है, तो बाकी दुनिया का भारत के प्रति नजर‍िया बदल सकता है।

India America Relation

डेमोक्रेट श्री थानेदार ने कहा कि वह मजबूत भारत-अमेरिका संबंधों के पक्षधर हैं। हमें एक मजबूत अमेरिकी-भारतीय रिश्ते की जरूरत है। भारत ऐतिहासिक रूप से रूस और अमेरिका दोनों पक्षों से खेलता रहा है। लेकिन अब समय आ गया है कि भारत संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मजबूत दोस्ती के लिए प्रतिबद्ध हो और यह ऐसी चीज है जिस पर मैं काम करना चाहता हूं। संयुक्त राज्य अमेरिका को भारत की आर्थिक शक्ति को पहचानना होगा और चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए भारत ही सबसे अच्छा समाधान है। इसलिए, मैं सिर्फ मजबूत भारत-अमेरिका संबंधों पर काम कर रहा हूं।

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