UP के Primary Teacher क्यों कर रहे Digital Attendance का विरोध? सालभर में मात्र 14 CL ?

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Demand of UP teachers regarding digital attendance

Digital Attendance: ‘अगर प्रशासन को लगता है कि ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने से शिक्षक ‘कामचोर’ नहीं रहेगा और वो विद्यालय में शिक्षण कार्य सुचारू रूप से करेगा तो अच्छी बात है। फिर क्यों नहीं ऑनलाइन उपस्थिति हर विभाग में लागू कर दी जाए, पहले शिक्षा विभाग ही क्यों?

सभी अधिकारी पहले अपने पर लागू करें, टाइम एंड मोशन फॉलो करें, उसके बाद धरातल पर आकर शिक्षा विभाग में लागू की जाए। ‘

Digital Attendance का विरोध

ये बात यूपी में Digital Attendance का विरोध करते हुए एक शिक्षक ने कही हैं। शिक्षका का कहना है कि online attendance का सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है जिसकी वजह से शिक्षक समय पर अपनी हाजिरी नहीं लगा पा रहे।

Digital Attendance का क्या है पूरा मामला ?
What is the whole matter of Digital Attendance?

सरकार के कौन से आदेश पर यूपी के शिक्षक नराज है और उनका क्या कहना है ? दरअसल, उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस का मुद्दा चर्चा में है। शिक्षकों के लगातार विरोध के बाद भी सरकार अपने फैसले से पीछे हटने को तैयार नहीं है। अब योगी सरकार की ओर से आदेश जारी किया गया है कि तीन दिन तक ऑनलाइन हाजिरी दर्ज न कराने वालों का वेतन रोक दिया जाएगा।

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अब पहले आपको प्रशासन का आदेश बता देते है… नोटिस के मुताबिक,  शिक्षक स्कूल के निर्धारित समय से आधा घंटे पहले और शिक्षण कार्य समाप्त करने के आधे घंटे बाद विद्यालय से जाएं। एक शिक्षक की हाजिरी तीन बार मांगी गई है, एक सुबह के समय, एक शिक्षण कार्य के बीच और एक स्कूल से निकलने से पहले… प्रशासन के इस आदेश को लेकर शिक्षकों का कहना है कि ऐसे में अगर किसी शिक्षक की तबियत बिगड़ती है या उसके किसी परिचित के साथ कोई त्रासता हो जाती है तो उसका क्या होगा?

 क्योंकि ऐसे स्थिति में शिक्षकों के लिए कोई प्रावधान नहीं है ना कोई half day ना कोई EL(Earned Leave)।  शिक्षकों ने बताया कि उन्हें सालभर में मात्र 14 CL(Casual Leave ) मिलती हैं। और अगर कोई शिक्षक इमरजेंसी में स्कूल से चला भी जाता है तो शिक्षक का वेतन रोक दिया जाता है।

Digital Attendance tab एकदम लो quality

शिक्षकों का कहना है प्रशासन ऑनलाइन अटेंडेंस पर जोर दे रहा है लेकिन उसे लागू करने में जो संसधान इस्तेमाल किए जा रहे हैं वो ही सही नहीं हैं। उनका कहना है कि डिजिटल अटेंडेंस के लिए जो टैब स्कूलों को दिया गया है वो एकदम लो क्वालिटी का है। जिसके वजह से वो ठीक से काम नहीं करता है।

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Digital Attendance सभी पर एक समान लागू की जानी चाहिए

इसके अलावा सरकार के इस फैसले के बाद अब शिक्षकों ने भी अपनी मांगे रखी है। उनका कहना है कि अगर सरकार शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी चाहती है तो उसे हमारी मांगों को भी सुनना चाहिए।

उन्होंने कहा कि विद्यालय आवासीय किए जाएं जोकि नई शिक्षा नीति में लिखित हैं, नवोदय विद्यालय एवं केंद्रीय विद्यालयों के समान हमें भी वही सुविधा दी जाए, शिक्षक के लिए half day leave की व्यवस्था की जाए, इमरजेंसी लीव दी जाए, पुरानी पेंशन बहाल की जाए, ऑनलाइन हाजिरी सभी पर एक समान लागू की जानी चाहिए और विषम परिस्थितियों में महीने में कम से कम पांच बार लेट आने पर शिक्षक द्वारा उचित स्पष्टीकरण पेश करने पर रियायत दी जानी चाहिए।

Digital Attendance एक बड़ी समस्या ?

इसके अलावा एक बड़ी समस्या यह भी है कि शिक्षक अपने घरों से 500 से 1000 किलोमीटर दूर नौकरी कर रहे हैं। उन्हें उनके जिले में भेजा जाना चाहिए, यानी inter-generational transfer किए जाएं। सरकार और शिक्षकों के बीच का ये मामला कई दिनों से चल रहा है जिसका समाधान अभी निकलता हुआ नजर नहीं आ रहा है।

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