दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास को लेकर चल रहे विवाद ने हाल ही में और भी तूल पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अपने आधिकारिक आवास को खाली करने और इसे नए मुख्यमंत्री आतिशी को सौंपे जाने के बीच अब इस मामले में कई आरोप-प्रत्यारोप सामने आ रहे हैं।
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विवाद की शुरुआत
Delhi CM: यह विवाद तब शुरू हुआ जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 15 सितंबर को ऐलान किया कि वह दो दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। इसके बाद, 17 सितंबर को उन्होंने उपराज्यपाल विनय सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया। केजरीवाल ने अपने मुख्यमंत्री आवास 6, फ्लैगस्टाफ रोड को 4 अक्टूबर को खाली किया और इसका दावा करते हुए PWD को चाबियां सौंपने की बात कही।
हालांकि, 6 अक्टूबर को PWD के एक अधिकारी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के विशेष सचिव को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें कहा गया कि बंगले की चाबियां सौंपने के कुछ समय बाद ही वापस ले ली गईं और बंगला पूरी तरह से PWD को हैंडओवर नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री आतिशी की भूमिका
Delhi CM: केजरीवाल के आवास छोड़ने के बाद, 7 अक्टूबर को मुख्यमंत्री आतिशी 6- फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगले में शिफ्ट हुईं। उन्होंने वहां के कर्मचारियों से मुलाकात की और बंगले का कार्यभार संभालने का दावा किया। इसके बाद, 9 अक्टूबर को PWD ने फ्लैग स्टाफ रोड स्थित इस बंगले से मुख्यमंत्री आतिशी का सामान निकालकर इसे सील कर दिया।
आम आदमी पार्टी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए उपराज्यपाल पर आरोप लगाया कि उनके कहने पर PWD ने मुख्यमंत्री आतिशी का सामान बाहर निकालकर बंगले को सील कर दिया है। वहीं, बीजेपी का दावा है कि मुख्यमंत्री आतिशी को अवैध तरीके से इस बंगले में रहने की अनुमति दी गई थी।
बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप
Delhi CM: इस मामले में बीजेपी ने मुख्यमंत्री पर गैरकानूनी ढंग से बंगले में रहने का आरोप लगाया। बीजेपी के दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री को अवैध तरीके से बंगले में ले जाया गया है। इसके अलावा, विपक्षी नेता विजेंद्र गुप्ता ने प्रेसवार्ता कर कहा कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास सही तरीके से खाली नहीं किया था और इसका उपयोग अवैध तरीके से किया जा रहा था।
वहीं, आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर यह कदम उठाया गया है। आप ने दावा किया कि बीजेपी और उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि वह इस बंगले को भाजपा के एक नेता को आवंटित करना चाहते हैं।
Delhi CM: टाइमलाइन: पूरा मामला कैसे तूल पकड़ता गया?
- 15 सितंबर: अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि वह दो दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे।
- 17 सितंबर: केजरीवाल ने उपराज्यपाल विनय सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
- 4 अक्टूबर: अरविंद केजरीवाल ने 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास को खाली कर चाबियां PWD को सौंपने का दावा किया।
- 7 अक्टूबर: मुख्यमंत्री आतिशी इस बंगले में शिफ्ट हुईं और कर्मचारियों से मुलाकात की।
- 9 अक्टूबर: PWD ने मुख्यमंत्री आतिशी का सामान बाहर निकालकर बंगले को सील कर दिया।
राजनीतिक विवाद की गर्मी
Delhi CM: इस विवाद के बढ़ते ही दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की बौछार कर दी। आप पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि अधिकारी मुख्यमंत्री आतिशी को बंगला आवंटित नहीं कर रहे हैं और वहां का कैंप कार्यालय भी खाली कराया गया है। इस बयान ने इस मामले को और तूल दिया, जिससे यह साफ हो गया कि यह विवाद अब केवल एक बंगले तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह अब पूरी तरह से राजनीतिक मुद्दा बन चुका है।
निष्कर्ष
Delhi CM: यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है, जहां एक ओर बीजेपी और उपराज्यपाल पर आरोप लगाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया जा रहा है। इस मामले का अंतिम निष्कर्ष क्या होगा, यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा, लेकिन यह साफ है कि यह विवाद दिल्ली की राजनीति में एक अहम मुद्दा बन गया है।
आगे इस मामले पर जो भी अपडेट्स सामने आएंगे, हम आपको जरूर बताएंगे।
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