Article 370 के बाद, Jammu-Kashmir को लेकर केंद्र सरकार का एक और ऐतिहासिक फैसला।

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Another historic decision of the Central Government regarding Jammu-Kashmir
साल 2019 में Jammu-Kashmir  के लिए एक ऐतिहासिक फैसला

केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने साल 2019 में Jammu-Kashmir  के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया था, जो था article 370 और 35 A द्वार जम्मू कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को समाप्त करने का, धारा 370 के हटने के बाद से ही कई बदलाव जम्मू कश्मीर में देखने को मिले जिसमें बाहरी लोग को भी जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने का अधिकार मिला ।

कोई अलग झंडा या संविधान अब वहाँ नहीं हैं यानी एक देश, एक झंड़ा और एक ही संविधान, article 370 हटने के बाद केंद्र सरकार की योजनाएं भी वहाँ लागू हुई जो पहले विशेष दर्जे के तहत लागू नहीं हो पाती थी और अब जम्मू कश्मीर को लेकर एक और बड़ा फैसला केंद्र सरकार ने लिया है जिसके तहत जम्मू कश्मीर के LG को भी दिल्ली के LG जितनी शक्तियां दी जाएंगी।

Jammu-Kashmir को भी दिल्ली जैसे संवैधानिक अधिकार देने की तैयारी

केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को भी दिल्ली जैसे संवैधानिक अधिकार देने की तैयारी कर ली है। आपको बता दे कि अब जम्मू कश्मीर के LG को भी दिल्ली के LG की तरह प्रशासनिक शक्तियां दी जाएंगी। गृह मंत्रालय ने जम्मू- कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के तहत संशोधित नियमों को अधिसूचित किया है। जिसमें LG को अधिक शक्ति देने वाली नई धाराएं शामिल की गई हैं।

चलिए आपको बताते है कि नई धाराएं शामिल होने से LG को क्या- क्या शक्तियां मिल जाएंगी ?

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Jammu-Kashmirमें LG (Lieutenant governor) की शक्तियां

अब यहां भी सरकार बिना LG की अनुमति के ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं कर सकेगी, इसके अलावा कोई भी प्रस्ताव जिसके लिए अधिनियम के तहत ‘पुलिस’, ‘सार्वजनिक व्यवस्था’, ‘अखिल भारतीय सेवा’ और ‘भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो’ (ACB) के संबंध में वित्त विभाग की पूर्व सहमति जरूरी है, वह तब तक स्वीकृत या अस्वीकार नहीं किया जाएगा जब तक कि इसे मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष नहीं रखा जाता है।

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Jammu-Kashmir की नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के नेता उमर अब्दुल्ला का बयान आया सामने

केंद्र के इस फैसले पर जम्मू कश्मीर की नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के नेता उमर अब्दुल्ला का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि एक और संकेत है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव नजदीक हैं।

यही कारण है कि जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण, अविभाजित राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समयसीमा  निर्धारित करने की दृढ़ प्रतिबद्धता इन चुनावों के लिए एक शर्त है। जम्मू-कश्मीर के लोग शक्तिहीन, रबर स्टैम्प CM से बेहतर के हकदार हैं, जिन्हें अब अपने चपरासी की नियुक्ति के लिए LG  से भीख मांगनी पड़ेगी।

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