Children’s Mentality disturbed: आज हम एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे जो कि हमारे समाज में बढ़ती चिंता का कारण है। हाल ही एक घटना सामने आयी हैं जिसका खुलासा 26 जुलाई 2024 को किया गया था। लेकिन घटना अप्रैल की है। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक 14 साल के लड़के ने 9 साल की मासूम लड़की की रेप के बाद हत्या कर दी। जिस लड़की का उसने रेप किया वह उसकी बहन थी। बच्चे को मोबाइल फोन पर पोर्न वीडियो देखने की लत थी। पोर्न वीडियो देखने के बाद ही उनसे मासूम का रेप किया था। इस पूरे मामले में बच्चे की मां और दो बहनें भी आरोपी हैं। लड़के की मां और दो बड़ी बहनों ने इस मामले को दबाने में मदद की।
Also Read: Superstition: क्यों बढ़ रहा हैं अंधविश्वास, 21वीं सदी में भी ढोंगी बाबाओं का कहर जारी ?
उन्होंने बताया कि पीड़िता ने जब यह बात अपने पिता को बताने की धमकी दी तो लड़के ने उसका गला घोंट दिया और बाद में अपनी मां को जगाया और पूरी बात बताई। उन्होंने बताया कि मां ने तब देखा कि पीड़िता अभी जीवित है, तो यह देखकर आरोपी ने फिर से उसका गला घोंट दिया।
रीवा पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि अप्रैल में जवा थानाक्षेत्र में नौ वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म करके उसका गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद पुलिस ने एक मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी थी।
एसपी ने बताया, “तकनीकी साक्ष्य जुटाने और 50 लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस को परिवार के सदस्यों के बयानों में बार-बार बदलाव देखने को मिला। संदेह के आधार पर उनसे गहन पूछताछ की गई, जिसके बाद उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।”
Children’s Mentality disturbed: आपको बता दे कि यह पहला केस नहीं हैं इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आए हैं
दूसरा केस- द हिन्दू अखबार के अनुसार, 17 जुलाई को आंध्र प्रदेश के नांदयाल जिले में हुआ। यहां के तीन स्कूली नाबालिग लड़कों ने आठ साल की बच्ची के साथ गैंग रेप किया। इतना ही नहीं बच्ची के साथ गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी। लड़की तीसरी कक्षा की छात्रा थी, जबकि दो आरोपी (12 साल) छठी कक्षा के छात्र हैं और एक छात्र (13 साल) सातवीं कक्षा का छात्र है। लड़की और आरोपी एक ही स्कूल के थे।
तीसरा केस- दैनिक नवज्योति के अनुसार, जयपुर, प्रताप नगर थाना इलाके में 13 साल के लड़के द्वारा 5 साल की बच्ची से रेप करने का मामला सामने आया है। नाबालिग लड़के ने बच्ची को उस के ही घर में अकेला खेलते पकड़ लिया था। दो दिन तक डरी बच्ची को देखकर मां ने पूछा, तो उसने गलत हरकत करने के बारे में बताया। पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की है।
ये ऐसे कुछ केस हैं।
Children’s Mentality disturbed: 2022 में 38,911 मामले दर्ज किए गए
आपको बता दे कि अकेले 2022 में, बाल बलात्कार और प्रवेशन हमलों के 38,911 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 में 36,381 मामलों से उल्लेखनीय वृद्धि है।
2020 के लिए संख्या 30,705 और 2019 के लिए 31,132 थी। 2018 में 30,917 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2017 में 27,616 मामले दर्ज किए गए। NCRB (National Crime Records Bureau ) के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2016 में 19,765 मामले दर्ज किए गए।
इस 144 करोड़ की आबादी वाले भारत देश में, 4। प्रतिशत महिलाएं हैं। जैसा की विकासशील भारत देश में इंटरनेट अन्य देशो के मुकाबले काफी सस्ता होता हैं। इस सस्ते इंटरनेट के कारण माँ बाप बच्चो को फ़ोन दे देते हैं। लेकिन आज कल ये मासूम बच्चे गेम्स, टिक टोक, इंस्टा, स्नेप चैट पर अपनी id बना लेते हैं। आज कल इंस्टा पर अश्लील वीडियो आसानी से मिल जाती हैं। और फिर यही मासूम बच्चे पोर्न वेबसाइट का शिकार बन जाते हैं। भारत में पोर्न वेबसाइट पूरी तरीके से प्रतिबंधित होने के बावजूद भी लाखो वेबसाइट ऐसी हैं जो खुल जाती हैं और मासूम बच्चे की मानसिकता पर एक गहरा प्रभाव डालती हैं।
Children’s Mentality disturbed: दुनिया भर में भारत का पोर्न वीडियो देखने में कौनसा स्थान हैं ?
भारत में चाहे पोर्न पर प्रतिबंध लगे या हटे, लेकिन पोर्न देखने में भारतीय लोग पीछे नहीं हटे। साल 2015 में कनाडा को पीछे छोड़ते हुए अमेरिका और इंग्लैंड के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा पोर्न देखने वाला देश बन गया। यह जानकारी दुनिया के सबसे बड़ी पोर्न वेबसाइट पोर्नहब ने दी है। हैरानी की बात ये हैं की पोर्नोग्राफ़ी देखने वाले सबसे ज़्यादा नाबालिक हैं
Children’s Mentality disturbed: आज हम बात करेंगे पोर्नोग्राफ़ी क्या है?
पोर्नोग्राफ़ी ऐसे सामग्री को संदर्भित करता है जो यौन गतिविधियों को दिखाती है। बच्चों के लिए यह सामग्री अनुचित और हानिकारक हो सकती है। इससे बच्चों की मानसिकता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है और उन्हें गलत धारणाएं बन सकती हैं।
Children’s Mentality disturbed: हम सभी के लिए यह जानना ज़रूरी है कि: “बच्चों को पोर्नोग्राफ़ी से कैसे बचाएं।”
सबसे पहले कदम
1.Monitoring and Parental Controls :अपने बच्चों के ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी रखें और सॉफ्टवेयर का उपयोग करके पोर्नोग्राफ़ी से संबंधित वेबसाइटों को ब्लॉक करें।
2.खुली बातचीत: बच्चों के साथ खुलकर बात करें और उन्हें बताएं कि इंटरनेट पर क्या सामग्री सुरक्षित है और क्या नहीं।
3.शिक्षा: बच्चों को सही और गलत सामग्री की पहचान करने के लिए शिक्षित करें। उन्हें बताएं कि किसी भी सामग्री को देखकर नकारात्मक अनुभव हो सकता है।
Also Read: Delhi Coaching Center में 3 UPSC Student की मौत, कैसे भरा कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी?
Children’s Mentality disturbed: बच्चो के लिए यौन शिक्षा क्यों ज़रूरी हैं?
वर्ष 2007 में भारत सरकार ने किशोर शिक्षा कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसका लगातार विरोध होता रहा। कुछ राज्यों ने तो इसे प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि, अब ये समझने की जरूरत है कि इस विषय से हिचकिचाने से काम नहीं चलेगा। अगर बच्चों को सही यौन शिक्षा नहीं दी गई तो लिंग आधारित हिंसा, लिंग असमानता, प्रारंभिक और अनपेक्षित गर्भधारण, एचआईवी और अन्य यौन संचारित संक्रमण बढ़ते जाएंगे और रोकना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में जरूरी है कि स्कूल में सिर्फ अध्यापक ही नहीं बल्कि माता-पिता भी झिझक को दूर रखकर अपने बच्चे से इस विषय पर बात करें।
Children’s Mentality disturbed: सरकार ने बलात्कार के खिलाफ क्या कड़े नियम अपनाये हैं ?
यौन अपराधों के खिलाफ प्रभावी रोकथाम के लिए आपराधिक कानून (संशोधन), अधिनियम 2013 लागू किया गया था। इसके अलावा, आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 को 12 वर्ष से कम उम्र की लड़की के साथ बलात्कार के लिए मृत्युदंड सहित और भी कठोर दंडात्मक प्रावधानों को निर्धारित करने के लिए लागू किया गया था।
गृह मंत्रालय ने 19 फरवरी 2019 को आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2018 के अनुसार यौन उत्पीड़न के मामलों में समयबद्ध जांच की निगरानी और ट्रैक करने के लिए पुलिस के लिए ‘यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग प्रणाली’ नामक एक online analytical tool लॉन्च किया।
Subscribe Our Channel: https://youtube.com/@vup_samachar?si=7fU727DBfBSVisVB