Badrinath Assembly: अयोध्या के बाद बद्रीनाथ से हारी BJP, Badrinath विधानसभा सीट से उपचुनाव में BJP को लगा झटका ? 5224 वोटों से हार ?

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BJP lost from Badrinath, BJP suffered a setback in the by-election from Badrinath assembly seat.

Badrinath Assembly: लोकसभा चुनाव में अयोध्या में मिली हार के बाद बीजेपी को एक और धर्मनगरी में हुए चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।  पार्टी को उत्तराखंड के चमोली की बद्रीनाथ विधानसभा सीट से उपचुनाव में हार मिली है। बीजेपी की इस हार ने विरोधियों को भगवा दल पर हमला करने का एक और मौका दे दिया है।

आखिर क्या है Badrinath Assembly का पूरा मामला ?

उत्‍तराखंड में दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को करारा झटका लगा है। BJP उतराखंड की मगंलौर और बद्रीनाथ दोनों ही सीटों पर हार गई है। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की।

बड़ी बात ये हैं यूपी की अयोध्या के बाद अब बीजेपी को उत्तराखंड की बद्रीनाथ सीट पर भी हार का सामना करना पड़ा है। जहां चमौली की बद्रीनाथ सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार लखपत बुतोला ने बीजेपी उम्मीदवार राजेंद्र भंडारी को 5224 वोटों से हराया हैं।

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Badrinath Assembly: चारधाम में भी BJP की हार की उम्मीद नहीं थी

जैसे भगवान राम की जन्मभूमी में किसी ने BJP की हार की कल्पना नहीं की थी उसी तरह चारधाम में भी BJP की हार की उम्मीद नहीं थी और इतना ही नहीं अयोध्या से सटे बस्ती के साथ राम वन गमन पथ पर आने वाले प्रयागराज, चित्रकूट, नासिक और रामेश्वरम की सीटें भी उन्हें गवांनी पड़ी। लेकिन ऐसे में विपक्षी दलों ने इस हार को अयोध्या की हार से जोड़ दिया।

Badrinath Assembly: बद्रीनाथ में मिली जीत के बाद कांग्रेस ?

उत्तराखंड में बद्रीनाथ में मिली जीत के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के बाद बाबा बद्री ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी है इसी तरह बद्रीनाथ में बीजेपी की हार पर शिवसेना यूबीटी ने भी तंज कसा। शिवसेना यूबीटी की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि जय बाबा बद्रीनाथ, नॉन बाइलॉजिकल पार्टी यहां भी हारी।

Badrinath Assembly: हार की कुछ वजहें आई सामने

लेकिन इस हार की कुछ वजहें सामने आई है कि कुछ महीनों पहले ही बद्रीनाथ में पंडा-पुजारियों और स्थानीय लोगों ने विरोध दर्ज किया था। वजह ये थी कि वीआईपी दर्शन की सुविधा की वजह से आम दर्शनार्थियों को काफी दिक्कतें हो रही थीं।

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इस पर यहां के स्थानीय लोग पहले जैसी दर्शन व्यवस्था की मांग कर रहे थे साथ ही स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां तीर्थ पुरोहितों समेत स्थानीय लोगों में भी शासन प्रसासन के प्रति भारी नाराजगी है, लोगों का कहना है कि यहां मनमाने ढंग से विकास कार्य किये जा रहे हैं।

Badrinath Assembly: प्रहलाद धारा और नारायण धारा का रूप बदला गया

इससे तीर्थ पुरोहितों में भी नाराजगी है। विकास के नाम पर प्रहलाद धारा और नारायण धारा का रूप बदला गया है। इसके साथ ही बद्रीनाथ में रिवरफ्रंट निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसके लिये अलखनंदा नदी के किनारे की शिलाओं को विकास के नाम पर हटाया जा रहा है, इसकी जगह आरसीसी दीवार बनाई जा रही है। ऐसे में मानसून शुरू होते ही भारी बारिश की वजह से अलखनंदा में बाढ़ के हालात बने, जिसकी वजह से लोग काफी परेशान थे।

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