Baby Care Centre Fire In Delhi: 7 मांओं की कोख उजड़ने का जिम्मेदार कौन?

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Baby Care Centre Fire In Delhi

Baby Care Centre Fire In Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में जहां एक तरफ लोग भयंकर गर्मी से परेशान हैं तो वहीं दूसरी ओर आग लगने की घटनाएं लोगों की चिंता बढ़ा रही है। कल देर रात दिल्ली के विवेक विहार में चाइल्ड हॉस्पिटल में आग कांड की घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में 7 नवजात की मौत हो गई जबकि 5 गंभीर रुप से घायल बताए जा रहे है।

जानकारी के मुताबिक तीन मंजिला बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर न्यू बॉर्न बेबी केयर सेंटर था। इसमें कुल 12 बच्चे थे, इनमें से कुछ झुलस गए थे तो कुछ नवजात ऑक्सीजन सपोर्ट हटाने से जिंदा नहीं बच पाए। फिलहाल विवेक विहार थाना ने मृत नवजातों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जीटीबी भेज दिया है। बाकी बचे नवजातों का इलाज East Delhi Advanced Nursing Home में चल रहा है।

ऑक्सीजन सिलेंडर का गोदाम-संकरी सीढ़ी, दिल्ली के इस Baby Care Centre पर उठ रहे सवाल?

जांच में पता चला है कि जिस बिल्डिंग में बेबी केयर सेंटर चल रहा था, उसमें सबसे नीचे अंडरग्राउंड एरिया में अवैध रूप से ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिलिंग का काम भी चल रहा था, जिनमें ब्लास्ट होने से आग भड़की। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। दिल्ली फायर सर्विस चीफ अतुल गर्ग का कहना है कि शायद किसी कर्मी ने सिगरेट या बीड़ी फूंकी होगी, जिस वजह से ऑक्सीजन ने आग पकड़ ली और ये भयानक हादसा हो गया।

बताया जा रहा है कि धमाका इतना जोरदार था कि सेंटर के पास से गुजर रही कार के एयरबैग तक खुल गए थे। आस-पास के घरों के शीशे टूट गए थे। इस बीच सेंटर का मालिक नवीन, संचालक और स्टाफ हादसे के बाद से फरार है। फिलहाल पुलिस ने बेबी केयर न्यू बॉर्न हॉस्पिटल के मालिक नवीन चींचीं के खिलाफ IPC की धारा 336, 304 A और 34 के तहत FIR दर्ज कर ली है।

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वहीं मामले को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस हादसे पर दुख जताया है और जांच के निर्देश दिए है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्वास्थ्य सचिव दीपक कुमार और मुख्य सचिव नरेश कुमार को निर्देश दिए हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने घटना की शीघ्र जांच करने और इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों या निजी लोगों के नाम और पदनाम उपलब्ध कराने, बचाए गए बच्चों का सर्वोत्तम निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज सुनिश्चित करने, मृतकों और घायलों के परिजनों को मुआवजा देने और इस सेंटर को चलाने वालों की गिरफ्तारी में तेजी लाने के निर्देश दिए, हलांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

सवाल ये है कि इस पूरी घटना में 7 नवजातों की मौत हो गई, लेकिन उनकी मौत का जिम्मेदार कौन है? आरोपी कौन हैं? जो फरार हैं, वे हाथ आएंगे या नहीं? आखिर अवैध सिलेंडर रिफिलिंग की भनक किसी को क्यों नहीं लगी? लापरवाहियों का, 7 मांओं की कोख उजड़ने का जिम्मेदार किसे ठहराया जाएगा?

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