Hindenburg Research याद है? अमेरिका की इस शॉर्ट सेलिंग कंपनी ने पिछले साल Gautam Adani पर ऐसा बम फोड़ा था कि अडानी ग्रुप आज तक उससे उबर नहीं पाया है। हिंडनबर्ग रिसर्च भारत में एक और बड़ा धमाका करने की तैयारी में है। कंपनी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि “भारत में जल्दी ही कुछ बड़ा होने वाला है।“
हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल 24 जनवरी को अडानी ग्रुप की Flagship Company Adani Enterprises की शेयर बिक्री से ठीक पहले एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमत में हेरफेर समेत कई तरह के आरोप लगाए गए थे।
अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था लेकिन इस रिपोर्ट के कारण ग्रुप के Market capitalization में $150 अरब तक गिर गया था। इससे गौतम अडानी की net worth में भी भारी गिरावट आई थी और वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में काफी नीचे खिसक गए थे। हालांकि हाल के महीनों में अडानी ग्रुप के शेयरों ने काफी हद तक अपने नुकसान की भरपाई कर ली है।
Hindenburg Research Report से अदाणी समूह को हुआ था भारी नुकसान
बीते साल जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें अदाणी ग्रुप की वित्तीय स्थिति की जानकारी देते हुए समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। जिसमें स्टॉक की कीमतों में हेरा-फेरी करने जैसे कई गंभीर आरोप शामिल थे। रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद अदाणी ग्रुप के के शेयरों में भारी गिरावट आई और अदाणी समूह के बाजार मूल्य में 86 अरब डॉलर की भारी-भरकम गिरावट दर्ज की गई।
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हालांकि अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और समूह के प्रमुख गौतम अदाणी ने कहा था कि हिंडनबर्ग मामला अदाणी समूह को बदनाम करने की नीयत से रचा गया था।
Hindenburg Research Report की विश्वसनीयता पर उठे सवाल
SEBI की जांच में पता चला कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह से संबंधित रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से दो महीने पहले new york स्थित Hedge fund manager Mark Kingdon के पास भेजा था। इस खुलासे के बाद माना जा रहा है कि हिंडनबर्ग ने रणनीति के तहत अदाणी समूह के शेयरों की कीमत गिराकर फायदा लेने की साजिश रची थी। Kingdon’s company Kingdon Capital के Kotak Mahindra Investment Limited में भी अच्छी खासी मात्रा में शेयर हैं।
Hindenburg Research ने कई कंपनियों में घालमेल का पर्दाफाश
Hindenburg Research ने अब तक कई कंपनियों में घालमेल का पर्दाफाश करने का दावा किया है। इस कंपनी की स्थापना 2017 में Nathan Anderson ने की थी। दरअसल यह एक Forensic Financial Research Firm है जो equity, credit और derivatives को Analyze करती है।
इस कंपनी का नाम छह मई, 1937 में हुए High profile Hindenburg airship हादसे के नाम पर रखा गया है। यह दुर्घटना अमेरिका में Manchester Township, New Jersey में हुई थी। हिंडनबर्ग रिसर्च किसी भी कंपनी में हो रही गड़बड़ी का पता लगाती है और फिर उसके बारे में रिपोर्ट पब्लिश करती है।
कंपनी का दावा है कि उसकी नजर Man-Made Disasters पर रहती है। इनमें accounting में गड़बड़ी, mismanagement और छिपाकर किए गए लेनदेन शामिल हैं। कंपनी फिर प्रॉफिट कमाने के लिए टारगेट कंपनी के खिलाफ बेट लगाती है।
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Hindenburg Research ने कई कंपनियों का भंडाफोड़
Anderson ने University of Connecticut से international business में डिग्री लेने के बाद एक डेटा कंपनी FactSet Research Systems Inc में काम किया। वहां उनका काम investment management companies से जुड़ा हुआ था।
साल 2020 में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘मुझे महसूस हुआ कि कामचलाऊ analysis हो रहा है।’ एंडरसन इजरायल में एंबुलेंस ड्राइवर का काम भी कर चुके हैं। उनका कहना है कि उन्हें भारी दबाव में काम करने में मजा आता है। वह Harry Markpolos को अपना रोल मॉडल मानते हैं। Harry Markpolos एक Analyst हैं जिन्होंने Bernie Madoff’s fraud scheme का पर्दाफाश किया था। हिंडनबर्ग का दावा है कि 2017 से अब तक कम से कम 36 कंपनियों में गड़बड़ी का भंडाफोड़ कर चुकी है।
Hindenburg Research: अडानी के अमेरिकी बांड को शॉर्ट करके भी 31,000 डॉलर कमाए
Hindenburg Research का कहना है कि Adani Securities Shorting से उसे अपने client के जरिए 4.1 million dollars का revenue मिला। लेकिन यह रकम रिसर्च में लगी उसकी राशि के बराबर भी नहीं है। कंपनी ने कहा कि हमने investor relations के जरिए adani shorts से 4.1 million dollars का revenue अर्जित किया साथ ही कंपनी ने अडानी के अमेरिकी बांड को शॉर्ट करके भी 31,000 डॉलर कमाए।
कंपनी का कहना है कि यह बहुत छोटी पोजीशन थी। Legal and Research खर्चों को छोड़कर हम adani short पर भी break-even से आगे निकल सकते हैं। हिंडनबर्ग ने इस मामले में Kotak Bank को भी लपेटा था। उसने कहा था कि बैंक ने एक foreign fund structure बनाया जिसे उसके investor partner ने Adani Group के खिलाफ इस्तेमाल किया।
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