Murder 1993: पुलिस ने बनाया ये प्लान,आरोपी 30 साल से था फरार,अब पकड़ा गया आरोपी..

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Murder 1993

Murder 1993: करीब 3 दशकों के बाद आखिरकार पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ ही लिया। जी हां 30 साल से फरार चल रहे हत्यारे को पुलिस ने जबरदस्त प्लान बना कर अरेस्ट कर ही लिया।

Murder 1993: पूरा मामला आखिर है क्या

कहते हैं ना कि कानून के हाथ लंबे होते हैं, आरोपी चाहे कितना ही क्यों ना भागे लेकिन अंत में पुलिस पकड़ ही लेती है, बता दें साल 1993 में प्रेम नारायण नामक शख्स ने अपने पिता और चाचा के साथ मिल के दिल्ली के नरेला में शंभू दयाल नामक एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी, जिसके बाद पिता बाबू लाल को तो 10 साल पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

लेकिन चाचा अभी भी फरार है तो वहीं आरोपी प्रेम नारायण भी फरार हो गया था जिसके बाद वह अब 30 साल बाद पुलिस के हांथ लगा है, दरअसल पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी का एक खास प्लान बनाया जिसमें पुलिस के अधिकारियों को कैटरर और बिल्डर बनना पड़ा।

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Murder 1993: आरोपी अपने भतीजे की शादी में शामिल होने वाला

तब कहीं आरोपी पकड़ में आया बता दें कुछ दिन पहले सब इंस्पेक्टर रितेश कुमार को पता चला कि प्रेम नारायण 11 जुलाई को अपने भतीजे की शादी में शामिल होने वाला है। इसलिए सब इंस्पेक्टर कैटरिंग टीम में शामिल हो गए, और दिल्ली में शादी समारोह पर नजर रखी, हालांकि आरोपी दिखाई नहीं दिया। लेकिन उसकी पत्नी और बच्चे समारोह में पहुंचे थे।

Murder 1993: आरोपी कानपुर में रह रहा

बता दें सब इंस्पेक्टर रितेश ने यह पता लगा ही लिया कि आरोपी कानपुर में रह रहा है और मज़दूरी कर रहा है, जिसके बाद पुलिस टीम कानपुर पहुंची और इलाके की घेराबंदी कर ली, लेकिन आरोपी का पता नहीं लगा। तब पुलिस ने बिल्डर बनकर स्थानीय बिल्डरों की मदद से इलाके में काम करने वाले मज़दूरों और ठेकेदारों से संपर्क किया और नई बिल्डिंग बनाने की बात कर आरोपी के घर संदेश भेजा गया।

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Murder 1993: पुलिस ने 48 घंटो तक नज़र बनाए रखने के बाद आरोपी को पकड़ा

लेकिन आरोपी ने वहां बेटे को भेज दिया। लेकिन पुलिस ने हार नहीं मानी उन्होंने 48 घंटो तक नज़र बनाए रखी और बाद में रूपयें तय करने के लिए जब आरोपी पहुंचा तो पुलिस ने उसे धर दबोचा। पुलिस ने बताया कि 1993 में शंभू दयाल की ईंट व पत्थरों से कुचलकर हत्या कर दी गई थी। जांच के दौरान पुलिस को पता चला था कि शंभू के पड़ोस में प्रेम व उसका परिवार रहता था। प्रेम की शंभू की बेटी से दोस्ती हो गई थी और प्रेम के कहने पर पिता बाबू लाल व चाचा चुन्नी लाल ने शंभू से बेटी का रिश्ता मांगा। लेकिन मना करने पर तीनों आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी थी।

बता दें पुलिस ने अब जब आरोपी से पूछताछ की तो पता चला कि हत्या के बाद वह कानपुर फरार हो गया था और उसने अपना वोटर आइडी और राशन कार्ड बदल लिया था साथ ही गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने गांव से सभी संपर्क भी बंद कर दिया था।

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