लोकसभा चुनाव में बीजेपी को UP में उम्मीद से काफी कम सीटें मिलने से जहां पार्टी में मंथन का दौर जारी है।वहीं इस बीच प्रदेश बीजेपी में खींचतान की खबरें भी जोर पकड़ रही हैं। लखनऊ से दिल्ली तक बैठकों का दौर चल रहा है। रविवार 14 जुलाई को यूपी कार्यकारिणी की बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हर नेता को सुना।
UP का सियासी क्लेश प्रधानमंत्री आवास तक पहुंचा
फिर 16 जुलाई को दिल्ली में जेपी नड्डा से केशव मौर्य और यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी मिले… मसलन, पिछले 48 घंटे में लखनऊ की लड़ाई दिल्ली तक पहुंच गई। और 17 जुलाई बुधवार को UP का सियासी क्लेश प्रधानमंत्री आवास तक पहुंच गया। इन सारी मुलाकातों के बाद मुख्यमंत्री योगी चुप हैं। संगठन को सरकार से बड़ा बताने वाले केशव प्रसाद मौर्य भी चुप हैं। ऐसे में सवाल ये है कि क्या इस सियासी खींचतान का रास्ता प्रधानमंत्री ही निकालेंगे। इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश करते है…
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PM मोदी ने कहा था कि UP+योगी=बहुत उपयोगी
सबसे पहले बात करते हैं यूपी में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव की, तब चुनाव की तारीखों का ऐलान तक नहीं हुआ था। इससे पहले 21 नवंबर 2021 को लखनऊ में प्रधानमंत्री मोदी का हाथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कंधे पर दिखा था, तब उन तमाम अटकलों, विरोधियों की तरफ से प्रचलित कहानियों, किस्सों का अंत इन्हीं तस्वीरों ने दो साल पहले कर दिया था। जिन राजनीतिक किस्सों में ये बुना गया कि लखनऊ से दिल्ली के बीच दरार है, तब विरोधियों को नरेंद्र मोदी ने ही जवाब दिया था। दो साल पहले पीएम मोदी ने कहा था कि यूपी+योगी=बहुत उपयोगी।
PM मोदी ने दिया का UP के गुगली पॉलिटिक्स का जवाब
योगी आदित्यनाथ ने 2022 में दोबारा मिली ऐतिहासिक जीत के बाद धड़ाधड़ बल्लेबाजी। सख्त प्रशासक के तौर पर की, लेकिन फिर 2024 का लोकसभा चुनाव आया, आखिरी 2 चरण से पहले अचानक अखिलेश यादव, अऱविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के नेता कहने लगे कि चुनाव बाद योगी आदित्यनाथ को हटा दिया जाएगा और तब भी उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम को लेकर खींचतान की गुंजाइश जताती। गुगली पॉलिटिक्स का जवाब प्रधानमंत्री मोदी ने ही दिया था।
UP के One District One Product का मिशन पूरे देश में नई इज्जत बना
पीएम मोदी ने एक रैली में कहा था कि One District One Product का मिशन पूरे देश में नई इज्जत बना रहा है, अगर विकास को कोई नई ऊंचाइयों पर कोई ले गया है तो योगीजी की सरकार लेकर गई है….2017 में मुख्यमंत्री चुना जाना, 2022 में मुख्यमंत्री पर भरोसा, औऱ फिर 2024 के चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर गर्व जताना। तो क्या अब 2024 के चुनाव के बाद यूपी में मची खींचतान का रास्ता भी प्रधानमंत्री ही निकालने जा रहे हैं?
ये सावल.. इसलिए क्योंकी पिछले कई दौर से यहीं देखा गया है.. लेकिन क्या यूपी में मची खींचतान का रास्ता इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी ही निकालेंगे…
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