Indian Space Research Organisation (ISRO) ने एक बार फिर बड़ी कामयाबी हासिल की है। ISRO के Reuseable launch Wheel ‘पुष्पक’ की लगातार तीसरी बार सफल लैंडिंग हुई है। Indian Space Agency ने बताया कि पुष्पक की लैंडिंग को लेकर ये फाइनल टेस्टिंग थी, जो कामयाब रही।
कहाँ हुई RLV LEX 03 की सफल लैंडिंग ?
कर्नाटक के Chitradurga में RLV LEX 03 जिसे ‘पुष्पक’ नाम दिया गया है, उसकी सफल लैंडिंग हुई। ‘पुष्पक’ ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में Advance Autonomous क्षमताओं का प्रदर्शन किया। बेहद सटीक Horizontal लैंडिंग को अंजाम दिया। RLV LEX 03 का ये फाइनल टेस्ट सुबह 7.10 बजे किया गया।’
क्या बताया ISRO ने RLV LEX 03 की चुनौतियों के बारे में ?
पुष्पक’ की सफल लैंडिंग को लेकर ISRO ने बताया कि इस बार चुनौतियां ज्यादा थीं, हवा तेज थी और ‘पुष्पक’ को Runway से 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़ा गया था। ‘पुष्पक’ ने बड़ी ही कुशलता से हवा में अपना रास्ता खुद बनाया और Runway पर उतर गया।
ISRO की RLV LEX 03 की खास कामयाबी
यह कामयाबी इसलिए भी खास है क्योंकि ‘पुष्पक’ की रफ्तार किसी आम हवाई जहाज या लड़ाकू विमान से कहीं ज्यादा थी। 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उतरने के बाद ब्रेक पैराशूट की मदद से इसकी रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक लायी गई। जमीन पर चलते हुए ‘पुष्पक’ ने अपने आप ही संतुलन बनाए रखा और Runway पर सीधा चलता रहा।
इस मिशन से क्या होगा फायदा?
इस पर ISRO ने बताया कि यह मिशन दिखाता है कि भविष्य में अंतरिक्ष से लौटने वाले यान कैसे उतरेंगे। इसरो के प्रमुख S.Somnath ने टीम को इस कामयाबी पर बधाई दी।
ISRO अध्यक्ष ने दी बधाई
इस मिशन को भारतीय वायुसेना, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर और भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण से भी काफी सहयोग मिला है। ISRO अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने ऐसे जटिल मिशन में सफलता का सिलसिला बरकरार रखने के प्रयासों के लिए टीम को बधाई दी. इस सफल मिशन के लिए जे. मुथुपांडियन मिशन निदेशक है और बी.कार्तिक यान निदेशक हैं। ISRO अध्यक्ष ने दी बधाई
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