गुजरात के राजकोट में टीआरपी गेमिंग जोन हादसे में मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। अब तक 32 लोग मौत के आगोश में समा चुके है। आशंका है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ेगी। बता दें कि कल शाम गेमिंग जोन में आग लगी और देखते ही देखते भयानक रूप ले लिया। खेलते-खेलते बच्चे मौत के मुंह में समा गए जिसके बाद वहां अफरा-तफरी मच गई। जो वीडियो और तस्वीरें घटनास्थल के सामने आई है वो रूह को कंपा देने वाली है लेकिन आखिर जिसकी वजह से ये हादसा हुआ उसका जिम्मेदार कौन? ये सावल उठना लाजमी है क्योंकी जैसे जैसे मामले की जांच हो रही है कई खुलासे भी सामने आए है जिसपर बात होना जरुरी है।
Gujarat में 32 मौतों का जिम्मेदार कौन?
बताया जा रहा है कि गेमिंग जोन के निमार्ण और संचालन के लिए नियमित और उचित नियमों का पालन नहीं किया गया। पुलिस ने गेमिंग जोन के मालिक प्रकाश जैन और युवराज सिंह को गिरफ्तार कर लिया है बताया जा रहा है कि गेमिंग जोन के पास न ही फायर एनओसी थी और न ही सेफ्टी के उपाय। यहां तक की गेमिंग जोन के अंदर फायर extinguisher को एक कोने में प्लास्टिक में लपेटकर रखा गया था. अगर फायर extinguisher का installation किया गया होता तो इस अग्निकांड को बढ़ने से रोका जा सकता था।
इसके अलावा 2021 में बनाए गए इस गेमिंग जोन में फायर एनओसी के लिए एप्लीकेशन तक नहीं लगाई गई थी। वहीं गेमिंग जोन के अंदर 1500 से 2000 लीटर डीजल मौजूद था जो जनरेटर के लिए रखा गया था। जानकारी ये भी है कि गेमिंग जोन में 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल भी जमा किया था, जिसकी वजह से आग फैलती चली गई और टीआरपी गेम जोन का पूरा स्ट्रक्चर खाक हो गया।
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बरहाल, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने घटनास्थल का दौरा किया। इसके अलावा अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की वहीं सरकार की तरफ से मृतकों के परिजनों को 4 लाख रूपए मुआवजा देने की घोषणा की गई है। साथ ही घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का भी एलान किया गया है। आपको बता दें कि ऐसा नहीं है कि गुजरात में इस तरह का हादसा पहली बार हुआ है।
दरअसल, पिछले कुछ सालों में गुजरात देश के कुछ सबसे ज्यादा खतरनाक हादसों का गवाह बना है, जिसमें सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। ऐसे में राजकोट के टीआरपी गेम जोन में लगी भीषण आग दर्दनाक हादसों का ताजा उदाहरण है। वहीं दो साल पहले भी राज्य को ऐसे ही एक दुर्घटना का सामना करना पड़ा था। जिसमें मोरबी पुल में 100 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। ऐसें में कहीं न कहीं इन दुर्घटनाओं के पीछे प्रशासन की साफ लापरवाही नजर आ रही है। फिलहाल टीआरपी गेमिंग जोन मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है, हादसे का कारण जांच का विषय है।
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