भारतीय फुटबॉलर स्टार Sunil Chhetri ने इस गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास की घोषणा करदी है। 6 जून को कोलकाता में कुवैत के खिलाफ फीफा विश्व कप के लिए क्वालीफाइंग मैच सुनील का आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच होगा। सुनील छेत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के द्वारा इस फैसले की घोषणा की। इंडिया वर्तमान में ग्रुप ए में चार अंकों के साथ टॉप पर चल रहे कतर के बाद दूसरे स्थान पर है।
अपने खूबसूरत सफर को किया याद ?
39 वर्षीय Sunil Chhetri ने बीते गुरुवार को एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने अपने सफर की यादें ताजा कीं जो 2005 में 12 जून को पाकिस्तान के खिलाफ एक मैच से शुरू हुआ था। सुनील ने कहा, “एक ऐसा दिन है जिसे मैं कभी नहीं भुला और अक्सर इसे याद रखता हूं जब मैंने पहली बार अपने देश के लिए खेला था, यार यह शानदार था।
लेकिन एक दिन पहले, उस दिन सुबह, सुक्खी सर, मेरे पहले राष्ट्रीय टीम के कोच थे , उस सुबह मेरे पास आए और कहा, आप शुरू करने जा रहे हैं? मैं तुम्हें बता नहीं सकता कि मुझे कैसा महसूस हो रहा था, मैंने अपनी जर्सी ली, मैंने उस पर कुछ इत्र लगाया , मुझे नहीं पता मेने ऐसा क्यों किया ।
उस दिन, जो कुछ भी हुआ, एक बार उन्होंने मुझे बताया था के, नाश्ते से लेकर दोपहर के भोजन और खेल तक और मेरे पहले मैच में मेरे पहले गोल से लेकर 80वें मिनट में गोल खाने तक, वह दिन एक ऐसा दिन है जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा और उनमें से एक मेरी राष्ट्रीय टीम यात्रा के सबसे बेस्ट दिन।” उन्होंने कहा, “पिछले 19 वर्षों में मुझे जो सफर याद है, वह कर्तव्य, दबाव और बहुत खुशी का एक बहुत अच्छा जोड़ है।”
संन्यास की बात मेने सबसे पहले अपने परिवार से कही ?
उन्होंने आगे कहा कि, “मैंने अपने संन्यास के बारे में सबसे पहले अपनी माँ, अपने पिता और अपनी पत्नी से कहा , मेरे पिता ने जब यह सुना तो , उन्हें राहत मिली, वे खुश खुश दिखे , वहीँ मेरी माँ और मेरी पत्नी भावुक हो गयीं और मैंने उनसे कहा, आप हमेशा मुझसे परेशान करते थे कि बहुत सारे मैच हैं, जब आप मुझे देखते हैं तो मुझे बहुत अधिक दबाव होता है और अब जब मैं आपको यह बता रहा हूं, तो आप जानते हैं, मैं इस खेल के बाद अपने देश के लिए नहीं खेल पाउँगा , यह सुनकर वे फूट-फूट कर रोने लगे।
ऐसा नहीं है कि मैं थका हुआ था, ऐसा नहीं है कि मैं ऐसा वैसा महसूस कर रहा था, जब मेरे मन में आया कि यह मेरा आखिरी मैच होना चाहिए, तब मैंने इस बारे में बहुत सोचा। लेकिन एक तरीके से, मुझे कोई दबाव महसूस नहीं होता क्योंकि ये 15-20 दिन में राष्ट्रीय टीम के साथ हूँ और कुवैत के खिलाफ मेरा आखिरी मैच है।”
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सुनील ने कहा, “मैं राष्ट्रीय टीम के साथ जो भी अभ्यास करता हूं, उसका आनंद लेना चाहता हूं। कुवैत के खिलाफ यह खेल काफी मुश्किल होगा पर , हमें अगले दौर में क्वालीफाई करने के लिए तीन अंकों की जरूरत होगी । यह हमारे लिए बेहद ज़रूरी है।”
2002 में शुरू हुई थी मोहन बागान से मेरी पेशेवर फुटबॉल यात्रा ?
सुनील छेत्री ने 2002 में मोहन बागान में अपनी पेशेवर फुटबॉल यात्रा शुरू की। सुनील ने भारत को 2007, 2009 और 2012 के नेहरू कप के साथ ही 2011, 2015, 2021 और 2023 में सैफ चैम्पियनशिप जीताया । उन्होंने 2008 एएफसी चैलेंज कप में भी भारत को जीताया , जिससे भारत ने 27 सालो में अपने पहले एएफसी एशियाई कप के लिए क्वालीफाई किया ।
Sunil Chettri को मिल चुके है काफी पुरस्कार ?
सुनील छेत्री को 2011 में अर्जुन पुरस्कार और 2019 में पद्म श्री मिला। 2021 में, वह भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान, खेल रत्न पुरस्कार पाने वाले पहले फुटबॉलर है। 19 साल से ज़्यादा लंबे करियर में, अर्जुन पुरस्कार विजेता ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर 150 मैचों में 94 गोल किए हैं। सर्वाधिक कैप्ड भारतीय फुटबॉलर सुनील विश्व के मंच पर तीसरे सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी हैं, सिर्फ क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी ही उनसे आगे हैं।
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