UP में पुलिस एनकाउंटरों के मामलों पर उठ रहे सवालों के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार ने एनकाउंटर को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। यह निर्णय सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। नए दिशा-निर्देशों में एनकाउंटर की जगह की वीडियोग्राफी से लेकर पोस्टमार्टम तक की वीडियोग्राफी को अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि एनकाउंटर के दौरान सभी प्रक्रियाएँ पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएं।
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एनकाउंटर की नई पॉलिसी
UP के डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस संबंध में निर्देश जारी करते हुए बताया कि एनकाउंटर की स्थिति में सभी अधिकारियों को वीडियोग्राफी करने के लिए कहा गया है। इस निर्देश के अनुसार, एनकाउंटर की जगह की वीडियोग्राफी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि बाद में किसी भी प्रकार के विवाद से बचा जा सके। इसके अलावा, पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी अनिवार्य कर दी गई है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी प्रक्रियाएं कानूनी और सही तरीके से की जाएं।
सुरक्षा और पारदर्शिता का बढ़ावा
इस नई पॉलिसी का उद्देश्य न केवल एनकाउंटरों की पारदर्शिता बढ़ाना है, बल्कि नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा भी करना है। सरकार का मानना है कि वीडियोग्राफी से एनकाउंटर के दौरान की सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जाएगा, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता से बचा जा सकेगा।
भविष्य की दिशा
इन नई गाइडलाइंस के लागू होने से यह उम्मीद की जा रही है कि पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार होगा और नागरिकों के प्रति विश्वास बढ़ेगा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने यह निर्णय उस समय लिया है जब UP में एनकाउंटर को लेकर लगातार चर्चाएं हो रही थीं। इस नई नीति के तहत, पुलिस की जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
इस तरह, UP में पुलिस एनकाउंटर को लेकर जो नई गाइडलाइंस लागू की गई हैं, वे एक नई शुरुआत का प्रतीक हैं। उम्मीद है कि यह पहल प्रदेश में कानून व्यवस्था को और मजबूत करेगी और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगी।
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