Hindenburg Research report के 3 आरोप,Madhabi Buch की मुश्किलें बढ़ाएंगे..

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Madhabi Buch

Hindenburg Research report: अमेरिकी शॉर्ट सेलर Hindenburg Research ने इस बार सीधे SEBI Chief “Madhabi Puri Buch” पर निशाना साधा है। उसने SEBI Chief पर हितों के टकराव समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं। Hindenburg का दावा है कि Madhabi के कार्यकाल के दौरान SEBI ने कई ऐसे नियम बनाए जिसका फायदा सीधे तौर पर blackstone जैसी private equity firm को फायदा पहुंचाना है। इसमें उनके पति बतौर senior advisor नियुक्त हैं।

Hindenburg Research report: Dhaval Buch पर कई गंभीर आरोप

American short sellers ने Capital Market Regulator SEBI Chief “Madhabi Puri Buch” और उनके पति Dhaval Buch पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। Buch दंपती ने Hindenburg Research के आरोपों को खारिज करके अपनी सफाई पेश कर दी हैं, लेकिन इससे मामला खत्म नहीं हुआ। Hindenburg Research के तीन आरोप ऐसे हैं, जो SEBI Chief की मुश्किलें काफी बढ़ा सकते हैं।

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Hindenburg Research report: Hindenburg Research का पहला

Hindenburg Research का दावा है कि 22 मार्च 2017 को Madhabi Puri Buch के पति Dhaval Buch ने Mauritius के Fund Administration Trident Trust को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने अपने खातों का एकमात्र अधिकृत संचालक बनाए जाने का अनुरोध किया था। Hindenburg Research का कहना है कि यह SEBI Member के तौर पर Madhabi Buch की नियुक्ति से कुछ ही हफ्ते पहले का मामला है।

Hindenburg Research report: Madhabi SEBI में शामिल हो गईं

Dhaval Buch SEBI Member जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील पद नियुक्ति से पहले अपनी पत्नी का नाम Global Dynamic Opportunities Fund (GDOF)से हटाने चाहते थे। Madhabi अप्रैल 2017 में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में SEBI में शामिल हो गईं। फिर Buch couple ने 28 फरवरी 2018 को सभी यूनिटों की भुना लिया।

Madhabi Puri Buch के पास अप्रैल 2017 से मार्च 2022 तक अगोरा पार्टनर्स नाम की एक offshore singapore स्थित consulting firm में कथित तौर पर 100 फीसदी हिस्सेदारी थी। उसी समय वह SEBI Chief भी थीं। लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि 16 मार्च, 2022 को सेबी चेयरपर्सन के तौर पर अपनी नियुक्ति के ठीक दो हफ्ते बाद उन्होंने सभी शेयर अपने पति को ट्रांसफर कर दिए।

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Hindenburg Research report दावा करती है

Hindenburg Research की report की दावा करती है कि सिंगापुर की संस्थाओं को financial details का खुलासा करने से छूट मिली हुई है। इसलिए, यह स्पष्ट नहीं है कि consulting business से Buch couple को कितना रेवेन्यू मिला और उनके क्लाइंट कौन थे।

रिपोर्ट के मुताबिक, Madhabi Buch के पास फिलहाल एक Indian Consulting Firm- Agora Advisory में 100 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसमें उनके पति निदेशक हैं।

Hindenburg Research report का तीसरा आरोप

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आरोप लगाती है कि 2019 में धवल बुच को अमेरिका के प्रतिष्ठित Investment Management Group Blackstone में वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया गया और उस Madhabi Buch SEBI सदस्य के रूप में कार्यरत थीं। धवल को इतनी अहम पोजिशन तब मिली, जब उन्होंने पहले कभी किसी फंड, रियल एस्टेट या capital market में काम नहीं किया। उन्हें ज्यादातर प्रोक्योरमेंट और सप्लाई चेन के सभी पहलुओं का अनुभव था।

blackstone REITS असेट क्लास के सबसे बड़े इन्वेस्टर्स और स्पॉन्सर्स में से एक है। ब्लैकस्टोन ने माइंडस्पेस और नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट को प्रायोजित किया, जो भारत का दूसरा और चौथा REIT है जिसे IPO के लिए सेबी की मंजूरी मिली है। हिंडनबर्ग का आरोप है कि ब्लैकस्टोन के सलाहकार के रूप में धवल बुच के कार्यकाल के दौरान ही सेबी ने नियमों में कई ऐसे बदलाव किए, जिनका मकसद ब्लैकस्टोन जैसी प्राइवेट इक्विटी फर्मों को लाभ पहुंचाना है।

Hindenburg Research report: आरोपों पर क्या बोली Buch couple

बुच दंपती ने एक सयुंक्त बयान जारी करके हिंडनबर्ग रिसर्च के सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि उनका वित्तीय लेन-देन एक खुली किताब की तरह है, जो हमेशा से सबके सामने है। बुच दंपती ने कहा, ‘मार्केट रेगुलेटर सेबी ने गैरकानूनी बातों के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ एक्शन लिया है और उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया है। लेकिन, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी के सवालों का जवाब देने के बजाय हमारा चरित्र हनन करने की कोशिश की है।’

बुच दंपती का कहना है कि SEBI को सभी जरूरी वित्तीय रिकॉर्ड उपलब्ध कराए जा चुके हैं और उन्हें किसी भी authority के सामने अपना कोई भी वित्तीय दस्तावेज पेश करने में कोई एतराज नहीं। इसमें वे दस्तावेज भी शामिल हैं, जो उनके सेबी चीफ बनने से पहले के हैं। बुच दंपती ने यह भी कहा कि हम पूरी पारदर्शिता के लिए सही समय पर विस्तृत बयान जारी करेंगे।

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